Hapur News: हापुड़ के गढ़मुक्तेश्वर (Garh Mukteshwar) में अब श्रद्धालु गंगा (Ganga) में मूर्तियों का विसर्जन नहीं कर पाएंगे. एनजीटी (NGT) के आदेश के बाद नगर पालिका ने ये फैसला लिया है. इसके साथ ही गंगा में अगर किसी ने मूर्ति का विसर्जन किया तो उस पर 5 हजार रुपये के पर्यावरण शुल्क का भी प्रावधान किया गया है. एनजीटी कोर्ट ने पर्यावरण की दृष्टि से गंगा नदी में मूर्ति विसर्जन आदि पर रोक लगा रखी है लेकिन धरातल पर इसका असर देखने को नहीं मिल रहा है. श्रद्धालुओं ने जमकर गंगा में मूर्ति विसर्जन किया और एनजीटी के आदेशों की खुलकर धज्जियां उड़ाई.
गढ़मुक्तेश्वर में मूर्ति विसर्जन पर रोक
एनजीटी के आदेश के बाद भी हापुड़ गढ़मुक्तेश्वर में श्रद्धालुओं ने गंगा जी में मूर्ति विसर्जन किया, जबकि पुलिस प्रशासन की तरफ से इसकी जानकारी भी दी गई थी. पुलिस द्वारा गंगा ब्रजघाट पर अनाउंसमेंट भी कराया गया, लेकिन उसके बाद भी एनजीटी के आदेशों की खुलकर धज्जियां उड़ाई जा रही है. श्रद्धालु दूर-दराज से गंगा घाट पर मूर्ति विसर्जन करने पहुंच रहे हैं. डीएम हापुड़ के आदेश पर नगर पालिका गढ़मुक्तेश्वर ने गंगा नदी के कुछ स्थानों को चिन्हित किया हैं. इन्हीं चिन्हित स्थानों पर श्रद्धालुओं को मूर्तियों का विसर्जन करना होगा, लेकिन श्रद्धालु चिन्हित जगहों पर नहीं पहुंच रहे हैं. गंगा में मूर्ति विसर्जन को लेकर श्रद्धालुओं में जुर्माने का भी असर नहीं दिखाई दे रहा है.
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उल्लघंन करने पर 5 हजार का जुर्माना
हापुड़ एएसपी मुकेश मिश्रा ने बताया कि गढ़मुक्तेश्वर नगर पालिका ने पोस्टर लगाकर चेतावनी जारी कर दी है. केवल अठसैनी और छपकौली नहर के अलावा अन्य जगहों पर मूर्ति विसर्जन नहीं कर पाएंगे. अगर कोई व्यक्ति इन स्थानों को छोड़कर गंगा में मूर्ति विसर्जित करता हुआ मिला तो उसके खिलाफ नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश के तहत कार्रवाई करते हुए 5 हजार रुपये का पर्यावरण शुल्क लगाया जाएगा.
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