Uttar Pradesh News Today: दीपावली प्रकाश का पर्व है और इस त्योहार पर मिट्टी के दीपक का विशेष महत्व होता है. हर साल दीपावली पर घरों को सजाने के लिए मिट्टी के दीपक जलाए जाते हैं, जो न केवल घरों को रोशन करते हैं, बल्कि पूजा-पाठ के लिए भी जरुरी माने जाते हैं. 


मिट्टी के दीपक को खास तरीके से तैयार किया जाता है, जिसमें चिकनी मिट्टी का इस्तेमाल होता है. इसे महीनों पहले तैयार करने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है. इस बार भी कारीगरों के चाक लगातार घूम रहे हैं और रंग- बिरंगे दीपकों की भारी मांग बाजार में देखी जा रही है. आइये जानते हैं कैसे तैयार किए जाते हैं ये खास दीपक-


खास तरीके बनाए जाते हैं दीपक
मिट्टी के दीपक तैयार करने के लिए सबसे पहले चिकनी मिट्टी को बारीक पीसकर और छानकर उसकी पिठ्ठी बनाई जाती है. जिसे चाक पर रखकर कारीगर अपने हुनर से अलग-अलग आकार और डिजाइन के दीपक बनाते हैं. यह दीपक पहले धूप में सुखाए जाते हैं और फिर उपलों की आग में पकाए जाते हैं, जिससे वे मजबूत और टिकाऊ हो जाते हैं.


दीपावली के आते ही मिट्टी के दीपकों की मांग बाजार में तेजी से बढ़ जाती है. प्राचीन काल से दीपावली पर हर घर में मिट्टी के दीपक जलाने की परंपरा रही है, इस परंपरा का आज भी लोग पूरी श्रद्धाभाव से पालन करते हैं.


मिट्टी के दीपक के फायदे
इस मौके पर लोग बड़ी संख्या में इन्हें खरीदने के लिए बाजारों का रुख कर रहे हैं. यह पर्व केवल रोशनी का ही नहीं बल्कि पर्यावरण के प्रति जागरूकता का भी प्रतीक है, क्योंकि मिट्टी के दीपक पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाते.


कारीगर इस बार लाखों की संख्या में दीपक तैयार कर रहे हैं और बाजार में इनकी भारी मांग बनी हुई है. लोगों ने भी दीपावली से पहले ही अपने घरों को सजाने के लिए मिट्टी के दीपक खरीदने शुरू कर दिए हैं, जिससे उनका घर इस पावन पर्व पर रोशनी से जगमगा उठे. अभी से दीपावली की रौनक बाजारों में देखी जा रही है.


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