Siddharthnagar Illegal Encroachment: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर जहां एक तरफ अवैध कब्जे और अतिक्रमण पर प्रशासन की कार्रवाई तेजी से चल रही हैं वहीं दूसरी तरफ यूपी के सिद्धार्थनगर जनपद (Siddharthnagar District) में ड्रेनेज खंड (Drainage Section) की नहरों पर कब्जा करने का मामला सामने आया है. जहां लोगों ने ड्रेनेज खंड की नहरों पर कब्जा करके मकान बनवा लिए हैं. ऐसे में प्रशासन द्वारा ये जांच की जा रही है कि ये जमीन भूमाफियाओं के द्वारा बेची गई या लोगों ने खुद ही यहां पर मकानों का निर्माण करवाया है.
जानिए क्या है ये पूरा मामला
दरअसल 1954 में बाणगंगा बैराज का निर्माण हुआ था. उसी समय बामगंगा नहर भी बनाई गई थी. धेनसा नानकार के पास से जगदीशपुर अल्पिका नहर निकाली गई. वह नहर अहिरौली, महनंगा होते हुए अल्पिका नहर तत्कालीन गांव जगदीशपुर तक गई थी. साल 1989 में जनपद स्थापना के बाद यह नहर ड्रेनेज खंड को स्थानन्तरित कर दी गई. इससे पहले नहर का संचालन व देख-रेख तत्कालीन बस्ती जनपद के सिचाई विभाग के पास था. जहां तक नहर के विस्तार की बात करे तो विकास भवन व कलक्ट्रेट निर्माण में इस नहर का कुछ हिस्सा समाहित हो गया. लेकिन अभी भी पुलिस लाइन व जिला अस्पताल से होते हुए बीएसए आफिस तक इसकी भूमि सुरक्षित है लेकिन कांशीराम कॉलोनी के आगे की जमीन पर कब्जा कर लिया गया है.
डीएम ने कही जांच की बात
इस बारे में और जानकारी देते हुए जिलाधिकारी संजीव रंजन ने कहा कि ड्रैनेज खंड की जमीन कब्जाने का मामला संज्ञान में आया है. शीघ्र ही इस मामले की जांच के लिए टीम गठित की जाएगी जो इसकी जांच करेगी. इसके साथ ही जो भी लोग इस मामले में दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
ये भी पढ़ें-