Mahrajganj News:  यूपी के जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह (Swatantra Dev Singh) बुधवार को नेपाल (Nepal) की पहाड़ियों ने निकली नारायणी नदी (Narayani River) पर महाराजगंज (Maharajganj) में बने नेपाल बांध का दौरान करने पहुंचे. इस दौरान उन्होंने ए-गैंप, बी-गैंप के ठोकर संख्या 9, 11, 12 और 13 के अलावा लिंक तथा नेपाल बांध का निरीक्षण किया. उन्होंने ठोकर, स्पर व पारकुपाइन की स्थिति देखी. इस दोनों उन्होंने दोनों तरफ के लोगों को सुरक्षा का भरोसा दिया और बांध के निर्माण में किसी तरह धन की कमी नहीं रहने देने का वादा भी किया. 


जलशक्ति मंत्री ने ली बांध से जुड़ी जानकारी


इस बांध का निर्माण साल 1962 में कराया गया था. जिसके बाद से समय-समय पर मरम्मत कार्य होता रहता है. आखिरी बार यहां पर साल 2017 में काम कराया गया था. अधिकारियों ने बताया कि साल 2003 में नारायणी नदी में छह लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था. जिसके बाद से इसकी क्षमता बढ़कर छह लाख क्यूसेक कर दिया गया. जल मंत्री ने यहां पहुंचकर ठोकर संख्या 11, 12 व 13 का निरीक्षण किया. ठोकर संख्या 13 के पास नदी के पाटा में जमे सिल्ट सफाई की जानकारी लेते हुए मंत्री ने उसे साफ करने की बात कही.


लोगों से किया ये बड़ा वादा


स्वतंत्र देव सिंह ने नेपाल बांध के ठोकर संख्या पांच का निरीक्षण किया. जिस पर कुछ दिन पूर्व की कार्य पूर्ण होना बताया गया. जहां ठोकर व पारकुपाइन सहित अन्य मरम्मत कार्य में चार करोड़ 26 लाख रुपये का कार्य कराया गया है. इस दौरान नेपाल के जनप्रतिनिधियों व सामाजिक कार्यकर्ता ने बांध की मजबूती, ऊंचाई व जलनिकासी की व्यवस्था ठीक करने की मांग की. प्रतापपुर गांव पालिका अध्यक्ष उमेश चंद्र यादव ने पत्र देकर कहा कि गंडक नहर के पास स्थित गांव प्रतापपुर, अठीलहीं, सूर्यपुरा और बेदौली पुल की मरम्मत कराई जाए. सभी लिंक साईफन, ड्रेनेज की सफाई करायी जाए, ए गैप को 50 मीटर और लंबा बनाया जाए, बी गैप को करीब दो मीटर और ऊंचा करने की मांग भी की. 


गंडक नदी नियंत्रण संघर्ष समिति अध्यक्ष दूधनाथ गुप्ता ने कहा कि नारायणी नदी पर बी गैप बांध की क्षमता छह लाख क्यूसेक पानी सहने की क्षमता बताया जाता है, लेकिन चार लाख क्यूसेक पानी आने पर बाढ़ आ जाती है, इसलिए बांधों को और ऊंचा किया जाए. 


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