1984 Anti-Sikh Riots: कानपुर सिख विरोधी (Kanpur Sikh Riots) दंगों के मामले में एसआईटी (SIT) की जांच के बाद ताबड़तोड़ गिरफ्तारियां हो रही हैं. पहले 6 आरोपियों को SIT ने गिरफ्तार किया था. इसी क्रम में अब पांच और आरोपियों जसवंत सिंह, रमेश चंद्र, रविशंकर, भोला और गंगा बक्श सिंह को गिरफ्तार किया गया है. ये गिरफ्तारियां निराला नगर में हुई वारदात के मामले में हुईं हैं. घटना में किदवई नगर व उसके आसपास के क्षेत्र से पांच गिरफ्तारी की गई हैं. वहीं आने वाले समय में एसआईटी ऐसे ही 63 और आरोपियों की गिरफ्तारी करेगी. 


127 लोगों की हुई थी मौत


दरअसल प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद 1984 में हुए सिख विरोधी विरोधी दंगों में कानपुर में 127 लोगों की हत्या कर दी गई थी. वहीं कई लोगों के घरों को जला दिया गया और जमकर लूटपाट हुई थी. उस समय कई एफआईआर दर्ज हुई लेकिन किसी भी आरोपी को पकड़ा नहीं जा सका. जिसके बाद से सिख समुदाय लगातार इंसाफ के लिए गुहार लगाता रहा. कई सरकारें आईं, कई आयोग बने, कई एसआईटी गठित हुई लेकिन किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी संभव नहीं हो सकी. 


अब तक कुल 11 गिरफ्तारी हो चुकी हैं


2019 में योगी आदित्यनाथ की सरकार ने एक बार फिर दंगों की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया. एसआईटी ने 11 ऐसे मामले जांच के लिए पाए जिसमें पर्याप्त साक्ष्य मौजूद थे. एसआईटी ने लगातार जांच पड़ताल की साक्ष्य संकलन किए. जिसका नतीजा हुआ कि 11 मामलों में उन्हें पर्याप्त सबूत भी मिले और गवाह भी मिले. जिसके बाद 96 आरोपियों के नाम निकल कर सामने आए. जिनमें से 22 लोगों की मौत हो चुकी है बाकी 74 की गिरफ्तारी की जानी थी. इन 74 लोगों में अब 11 लोगों की गिरफ्तारी की जा चुकी है. जल्द ही बाकी आरोपियों की गिरफ्तारी की जाएगी. 


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पीड़ितों ने बुलडोजर चलाने की मांग की


सिख दंगा एसआईटी के इंचार्ज डीआईजी बालेंद्र भूषण ने कहा कि सरकार की मंशा के चलते ही ये संभव हो पाया है. सरकार ने 6 बार एसआईटी का कार्यकाल बढ़ाया. वही दंगों के मामलों में गिरफ्तारी शुरू होने के बाद सिख समुदाय संतुष्ट नजर आ रहा है. सिख दंगा पीड़ितों का कहना है कि पुरानी सरकारों ने केवल उनकी भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने का काम किया. यही वजह है कि किसी की भी गिरफ्तारी नहीं हो सकी. कोई भी मुकदमा ठीक से अंजाम तक नहीं पहुंचा. अब योगी जी की सरकार में उन्हें इंसाफ मिल रहा है. वही दूसरी तरफ पीड़ितों ने अब गिरफ्तार आरोपियों की संपत्ति पर बुलडोजर चलाने की मांग की है. 


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