Kanpur News: कानपुर नगर निगम में टैक्स चोरी का मामला आया सामने, जांच के लिए बनाई गई टीम
Kanpur: कानपुर नगर निगम में टैक्स चोरी का मामला सामने आया है. आरोप है कि राजस्व निरीक्षक हर्षित मिश्रा ने उपभोक्ताओं से टैक्स लिया रसीद भी दे दी लेकिन इस पैसे को सरकारी खजाने में जमा ही नहीं किया.
UP News: कानपुर नगर निगम में गृहकर और नामांतरण का काम हो रहा है लेकिन टैक्स का पैसा कहां जा रहा है यह पहेली बन गया है. अधिकारियों के दो ऐसे मामले सामने आए हैं जो नगर निगम में बड़े घपले और गबन की ओर इशारा कर रहे हैं. आरोप है कि राजस्व निरीक्षक हर्षित मिश्रा ने उपभोक्ताओं से टैक्स लिया रसीद भी दे दी लेकिन इसे सरकारी खजाने में जमा ही नहीं किया. भ्रष्टाचार की आशंका पर नगर आयुक्त शिवशरण अप्पा जीएन ने 4 सदस्य जांच कमेटी गठित कर दी है और 5 दिन के अंदर जांच कमेटी से रिपोर्ट भी तलब कर ली है.
की गई थी 20 जून को शिकायत
बता दें कि जोनल प्रभारी जोन 2 बालमुकुंद मिश्रा से 20 जून 2022 को शिकायत की गई. इसमें कहा गया कि बीनू शर्मा निवासी गोपाल नगर ने 7 जनवरी 2022 को ₹31240 नामांतरण शुल्क रसीद संख्या 5560/28 के माध्यम से जमा किया था. जिसे संबंधित राजस्व निरीक्षक हर्षित मिश्रा द्वारा नगर निगम कोष में जमा ही नहीं कराया गया. इसके अतिरिक्त यह भी संज्ञान में लाया गया की रसीद संख्या 783477 के तहत संबंधित राजस्व निरीक्षक द्वारा ₹20580 भी नगर निगम में जमा नहीं किया गया. राजस्व निरीक्षक द्वारा इसी प्रकार के अन्य प्रकरणों में भी MAC-2 बुक की रसीद जारी कर दी गई परंतु उनकी धनराशि नगर निगम कोष में जमा नहीं की गई. वहीं इसके उलट आयुष गुप्ता के वकील अवध किशोर वर्मा ने भी 23 जून को नगर निगम के अधिकारियों के साथ मिलकर एक शिकायती पत्र दिया है. शिकायती पत्र में साफ तौर पर लिखा गया है कि 41000 से ज्यादा का हर्षित मिश्रा के निजी खाते में इस बाबत ट्रांसफर किया गया कि नामांतरण का शुल्क नगर निगम के सरकारी खाते में जमा कर दिया जाएगा. हर्षित मिश्रा ने आयुष गुप्ता के वकील पर ऐसा करने का जबरदस्त दबाव भी बनाया था लेकिन फरवरी माह में ऑनलाइन ट्रांसफर किया गया यह पैसा अब तक सरकारी खाते में ना तो जमा किया गया और ना ही इसकी रसीद अभी तक संबंधित व्यक्ति को दी गई है.
जांच अधिकारी के खिलाफ उठ रहे सवाल
इस सबके बीच विभागीय कर्मचारियों ने रजिस्टर देखा तो पाया कि धन जमा ही नहीं किया गया है. इसके बाद नगर आयुक्त शिवचरणपा जीएन ने चार सदस्यीय जांच कमेटी बना दी है. इसमें अपर नगर आयुक्त सूर्यकांत त्रिपाठी मुख्य वित्त और लेखा अधिकारी अशोक कुमार त्रिपाठी मुख्य कर निर्धारण अधिकारी अनुज कुमार सिंह और जोनल प्रभारी बालमुकुंद मिश्रा शामिल किए गए हैं. हालांकि बालमुकुंद को टीम में शामिल करने पर सवाल उठ रहे हैं. इस बाबत नगर आयुक्त जांच की बात कह रहे हैं. शिकायतकर्ता के वकील की मानें तो यह कोई पहला मामला नहीं है नगर निगम के चक्कर लगाते लगाते उनको पता चला है कि हर्षित मिश्रा इस तरह के खेल करने के लिए कुख्यात है ऐसे में नगर निगम के अधिकारियों की नाक के नीचे हो रहे इतने बड़े घोटाले और गबन को अंजाम दिया जा रहा है लेकिन नगर निगम के अधिकारी जांच की बात कह कर पल्ला झाड़ रहे हैं.
जांच के बाद की जाएगी कार्रवाई
ग्रीन बेल्ट पर टेंडर से पहले से ही चल रहे काम को लेकर नगर आयुक्त शिव शरनप्पा जीएन का कहना है कि ये मामला आपके माध्यम से हमारे संज्ञान में आया है, इसको हम लोग चीफ इंजीनियर के माध्यम से जांच करेंगे और नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी. वहीं जब उनसे पूछा गया कि हाउस टैक्स सरकारी खाते में अभी तक नहीं जमा है तो उन्होंने कहा कि ये जो परेशानी है ये कुछ लोगों के माध्यम से हमारे संज्ञान में आया है तो अपर नगर आयुक्त के अध्यक्षता में जांच करायी जा रही है जैसे ही इसकी रिपोर्ट आएगी, उनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.