Kanpur Defence Institute DMSRDE News Today: कानपुर के रक्षा संस्थान डीएमएसआरडीई (DMSRDE) में एक खास तरह की बुलेट प्रूफ जैकेट बाना गई है, हालांकि ये संस्थान रक्षा संबंधी नई नई खोज के लिए पूरे देश में विख्यात है और मिनिस्ट्री और डिफेंस का हिस्सा है. हमारे देश के जवान अक्सर युद्ध और कई अहम ऑपरेशन में गोली लगने से घायल हो जाते हैं.
जवानों की जिंदगी को सुरक्षित करने के लिए कानपुर का ये रिसर्च सेंटर एक ऐसी जैकेट बनाने पर काम कर रहा था जो कई मायनों में सुरक्षित और बेहतर हो. जिसके चलते अब ऐसे जैकेट तैयार हो चुकी है,जिसे पहनने के बाद दुश्मन अगर एक ही जगह पर लगातार 6 गोलियां भी मारे तो वो बेअसर होंगे और दुसान की गोलियां इस जैकेट को भेद नहीं पाएंगी. इससे हमारा जवान सुरक्षित बच पाऐंगे.
जैकेट को गोलियां भी नहीं भेद पाएंगी
पॉलिमर बैंकिंग और मोनोलिथिक सिरेमिक प्लेट से तैयार की गई जैकेट को अब 6 गोलियां भी भेद नहीं पाएंगी. जैकेट की चंडीगढ़ में सफल टेस्टिंग भी की गई. डीआरडीओ (डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन) ने बुधवार को इस संबंध में जानकारी शेयर की. वहीं इस जैकेट के तैयार होने ओर इसके सफल परीक्षण के बाद इसके परिणाम ने देश के सुरक्षा की अवस्था में चार चांद लगा दिए हैं.
सेना प्रमुख मनोज पांडे ने की तारीफ
सेना प्रमुख मनोज पांडे ने एक पत्र के माध्यम से कानपुर में बनाई गई इस जैकेट को लेकर तारीफ की है. जिसके बाद डीएमएसआरडी के अधिकारियों में खुशी की लहर है. जैकेट का इन-कंजक्शन (आईसीडब्ल्यू) और स्टैंडअलोन डिजाइन सैनिकों को गोला-बारूद से सुरक्षा प्रदान करेगी. देश में लगातार बनने वाले आधुनिक उपकरण और नई नई रिसर्च देश के जवानों और सुरक्षा को मजबूत कर रहे हैं.
जवान रहेंगे सुरक्षित
बता दें कि देश के जवानों को लेकर कानपुर के रक्षा संस्थान डीएमएसआरडीई ने जिस जैकेट को तैयार किया है. उस जैकेट की तारीफ सेना प्रमुख मनोज पांडे भी कर चुके हैं. इस जैकेट के जरिए जवान बॉर्डर पर सुरक्षित तैनात रहेंगे. इस जैकेट को 6 गोलियां भी भेद नहीं पाएंगी. इसको पॉलिमर बैंकिंग और मोनोलिथिक सिरेमिक प्लेट से तैयार किया गया है.