Mukhtar Baba News: कानपुर में हुए बवाल (Kanpur Violence) के आरोपी बाबा बिरयानी के मालिक मुख्तार बाबा (Mukhtar Baba) और उसके गुर्गों पर लगे आरोपों की पुष्टि हुई है. 16 दुकानों पर कब्जा करने और धमकी देने के मामले में एसीपी ने जिलाधिकारी जांच रिपोर्ट भेजी थी जिस पर मुकदमा दर्ज किया गया है. स्वरूप नगर निवासी रानी उर्फ जीनत आजमी ने मुख्तार बाबा पर उनकी दुकानें कब्जाने का आरोप लगाया था.
दुकानों पर कब्जा करने का आरोप
जीनत आजमी ने मुख्तार बाबा पर आरोप लगाते हुए बताया कि साल 2002 में मुख्तार बाबा ने भाई मुश्ताक के लिए उनसे दो दुकानें 11 महीनों के लिए किराये पर ली थीं. बाद में मुख्तार बाबा और उसके भाई ने अपने गुर्गों के जरिए उन्हें जान से मारने की धमकियां देनी शुरू कर दीं और 13 हजार रुपये के किराये में पूरी संपत्ति पर कब्जा कर लिया. पुलिस थाने में कई बार शिकायत करने के बाद भी उनकी सुनवाई नहीं हुई. लेकिन अब जब मुख्तार बाबा पर कार्रवाई शुरू हुई तो उनकी भी न्याय की आस जागी और उन्होंने उच्चाधिकारियों से इसकी शिकायत की. जिसके बाद जिलाधिकारी ने एसीपी स्वरूप नगर बृजनारायण सिंह और एसीएम छह वान्या सिंह की संयुक्त टीम बनाकर जांच सौंपी थी.
जांच में आरोपों की हुई पुष्टि
एसीपी की जांच में यह बात स्पष्ट हुई है कि मुख्तार बाबा ने आठ दुकानों पर कब्जा किया था. जिसे तोड़कर उसने तीन दुकानों में बदल दिया. अन्य पांच दुकानदारों के पुलिस ने बयान दर्ज किए तो यह भी साफ हो गया कि दुकानें जीनत आजमी की ही हैं और वो लोग किरायेदार हैं. इस मामले में मुश्ताक को कई बार नोटिस देकर बयान दर्ज करने के लिए बुलाया गया, लेकिन वह नहीं आया. जिसके बाद जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी को भेजी गई थी.
एसीपी की जांच में यह बात स्पष्ट हुई है कि मुख्तार बाबा ने आठ दुकानों पर कब्जा किया था. जिसे तोड़कर उसने तीन दुकानों में बदल दिया. अन्य पांच दुकानदारों के पुलिस ने बयान दर्ज किए तो यह भी साफ हो गया कि दुकानें जीनत आजमी की ही हैं और वो लोग किरायेदार हैं. इस मामले में मुश्ताक को कई बार नोटिस देकर बयान दर्ज करने के लिए बुलाया गया, लेकिन वह नहीं आया. जिसके बाद जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी को भेजी गई थी.
मुख्तार बाबा पर गंभीर धाराओं में मामले दर्ज
एसीपी स्वरूप नगर बृजनारायण सिंह ने बताया जीनत की तहरीर पर मुख्तार बाबा के भाई मुश्ताक, इरफान, सलमान, सुभाष, धनराज, शोएब खान के विरुद्ध आईपीसी की 419 (प्रतिरूपण द्वारा छल करना), 420 (बेईमानी से किसी दूसरे व्यक्ति की बहुमूल्य वस्तु या संपत्ति में परिवर्तन करना या नष्ट करना), 467 (फर्जी दस्तावेज बनाना), 468 (धोखाधड़ी के प्रयोजन से फर्जी दस्तावेज बनाना) 471 (फर्जी दस्तावेजों को असली के रूप में उपयोग करना) 506 (धमकाने) की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की गई है.
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