Kanpur News: यूपी के कानपुर (Kanpur) में लंबे समय से विवादों में घिरे इंदिरा नगर के डीवीनिटी होम्स अपार्टमेंट (Diviniti Homes) के 300 फ्लैट खतरे में पड़ गए हैं. करीब 1 हजार करोड़ की 11 बीघा जमीन पर बने अपार्टमेंट का मालिकाना हक ही बदल गया है. प्रमुख सचिव आवास के आदेश पर खतौनी में दर्ज तथाकथित मालिक का नाम हटाकर उसमें केडीए (KDA) का नाम दर्ज कर दिया गया है. यानी अब इस अपार्टमेंट पर मालिकाना हक पूरी तरह से कानपुर विकास प्राधिकरण का हो गया है.
कानपुर प्राधिकरण के नाम हुई जमीन
दरअसल, शासन में प्रमुख सचिव आवास नितिन गोकर्ण ने केडीए वीसी और अपर सचिव के साथ बैठक की. डीवीनिटी होम्स की जमीन को अर्जुन देव केहर ने बेचा था. बैठक में प्रमुख सचिव ने आदेश दिया कि फर्जी तरीके से दर्ज किए गए अर्जुन देव केहर के नाम को तत्काल हटा दिया जाए. जिस पर जिला प्रशासन ने कार्रवाई करके उस नाम को हटा दिया है. एडीएम LA सत्येंद्र सिंह की मानें तो अर्जुन देव केहर के प्रार्थना पत्र पर तत्कालीन एडीएम L/A ने 2005 में परवाना जारी किया था. साल 2008 में डीवीनिटी होम्स वाली जगह की खतौनी में अर्जुन देव का नाम दर्ज हो गया. तब से यह मामला चल रहा है.
अर्जुन देव केहर के नाम जारी परवाना निरस्त
डीविनिटी होम्स को लेकर अन्य कई मुकदमें कोर्ट में चल रहे हैं. इस साल मार्च में केहर मामले पर केडीए वीसी ने शासन को रिपोर्ट दी थी. जिस पर तत्काल कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं. इसके बाद अर्जुन देव के नाम जारी परवाने को निरस्त कर दिया गया है. खतौनी में जमीन वापस कानपुर विकास प्राधिकरण के नाम पर दर्ज कर दी गई है. इसी के साथ डीविनीटी होम्स पर मालिकाना हक केडीए का हो गया है.
फ्लैट खरीदारों पर छाए संकट के बादल
अब केडीए की जमीन पर फर्जी तरीके से बने डिविनिटी होम में फ्लैट खरीदने वालों पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. अवैध तरीके से बने डीविनिटी होम्स की जमीन पर अब आगे की कार्यवाही केडीए स्तर से होनी है. जिसके बाद यहां रहने वाले लोग काफी दहशत में हैं. हमने जब अपार्टमेंट के भीतर जाकर लोगों से बात करनी चाही तो हमें गेट पर ही रोक दिया गया और अंदर नहीं जाने दिया गया. डिविनिटी होम्स अपार्टमेंट कब्जे की जमीन पर निकलने के बाद यहां रहने वाले 300 से अधिक परिवारों में दहशत फैल गई है.
बिल्डर के धोखे का बन गए शिकार
मेहनत से खरीदे गए करोड़ों रुपए के आशियाने को बचाने की चर्चा हो रही है. लोगों का आरोप है कि बिल्डर ने उन्हें ठग लिया. खून पसीने और मेहनत की कमाई से एक-एक पैसा जोड़कर फ्लैट खरीदे और आज फ्रॉड के शिकार हो गए. क्लब हाउस जैसी तमाम सुविधाओं के नाम पर करोड़ों रुपए की वसूली तो की गई लेकिन सुविधाएं आज तक नहीं दी गई. इनका आरोप है कि बिल्डर ने अपने ही लोगों से डीएफएमएस संस्था बनाकर सोसाइटी तैयार की. लेकिन पिछले 6 साल से यहां चुनाव तक नहीं हुआ. इस पर यहां के लोगों ने अपनी एक नई सोसाइटी बनाई.
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पीएम और सीएम से न्याय की गुहार
दरअसल, अर्जुन देव केहर ने अवैध तरीके से ली गई जमीन पर फर्जी बिल्डर एग्रीमेंट करके पूरा अपार्टमेंट खड़ा कर दिया. डिविनीटी होम्स की जगह केडीए की होने के बाद इस पर परवाना भी जारी कर दिया गया है. शासन को भेजी गुप्त रिपोर्ट में फर्जीवाड़ा करने वाले पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है. डीविनिटी होम्स में 11 बीघा जमीन में दो ब्लॉक तैयार हैं. प्रत्येक ब्लॉक में 110 फ्लैट हैं. इसके अतिरिक्त 20 डुप्लेक्स बंगले हैं इस तरह 240 फ्लैट और डुप्लेक्स बन कर बिक चुके हैं. अभी करीब 110 परिवार रह रहे हैं जबकि तीसरा ब्लॉक निर्माणाधीन है. अब मामला केडीए के पास है. यहां रहने वाले लोग टकटकी लगाए केडीए के अधिकारीयों की तरफ देख रहे हैं. साथ ही पीएम मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ से न्याय की गुहार लगा रहे हैं. देखना दिलचस्प होगा कि शासन और प्रशासन इस पर क्या रुख अपनाता है.
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