Kanpur News: करोड़ों की लागत से बना सिग्नेचर सिटी बस अड्डा बना कुत्तों का बसेरा, CM योगी ने किया था उद्घाटन
Kanpur News: कानपुर के विकास नगर में सिग्नेचर सिटी बस अड्डे के लोकार्पण को एक महीने से ज्यादा का समय बीत चुका है लेकिन अब तक तक इसका संचालन नहीं सका है. यहां कुत्ते आराम फरमा रहे हैं.
Kanpur News: कानपुर के विकास नगर में सिग्नेचर सिटी बस अड्डे के लोकार्पण को एक महीने से ज्यादा का समय बीत चुका है लेकिन अब तक तक इसका संचालन नहीं सका है. ये हाल तब है जब खुद सीएम योगी आदित्यनाथ ने 10 अगस्त को इस बस अड्डे को लोकार्पण किया था. अधिकारियों ने दावा किया था कि सितंबर के पहले हफ्ते से इस बस अड्डे का संचालन शुरू हो जाएगा. लेकिन अब तक बसों का संचालन यहां से शुरू नहीं हो पाया है. इस नए नवेले आधुनिक बस अड्डे पर कुत्ते आराम फरमा रहे हैं.
उद्घाटन के बाद शुरू नहीं हो पाया बस अड्डा
सिग्नेचर सिटी बस अड्डा शहर का तीसरा सबसे बड़ा बस अड्डा है. यहां से दिल्ली और लखनऊ के लिए बसों का परिचालन कराया जाना था. ये मामला मंडलायुक्त सीकर रोडवेज के संज्ञान में होने के बाद यहां से बसें शुरू नहीं हो पाई हैं. अधिकारियों ने सीएम योगी से इसका उद्घाटन तो करवा दिया लेकिन इसके बाद इसकी सुध नहीं ली. यहां से न बसें चलती है न सवारियां आती है. आलम ये हैं करोड़ों रुपये की लागत से बने इस बस अड्डे पर आवारा जानवर आराम फरमाते देखे जा सकते हैं. परिवहन निगम मुख्यालय में निर्माण इकाई के अभियंता ने दावा किया था कि अगस्त के अंत तक यात्रियों के बैठने की व्यवस्था के लिए फर्नीचर भेज दिया जाएगा, पर ये दावे, दावे ही रह गए.
सितंबर के पहले हफ्ते से शुरू होना था परिचालन
सिग्नेचर सिटी बस अड्डे को शुरू कराने के लिए कानपुर के मंडल आयुक्त डॉ राजशेखर ने रोडवेज एमडी को पत्र भी लिखा है लेकिन बस अड्डा अभी भी शुरू नहीं हो पा रहा है. इस बस अड्डे में बसों को खड़ा करने के लिए प्लेटफार्म बनाए गए हैं. उनके आने जाने की सूचना के लिए कंप्यूटरीकृत सूचना प्रणाली सिस्टम लगाया गया है. बस अड्डे पर यात्रियों के बैठने के लिए जनरल और एसी वेटिंग रूम की व्यवस्था है. साफ RO का पानी मुहैया कराने की भी व्यवस्था होगी. खाने पीने के बेहतर फूड स्टॉल की व्यवस्था भी की गई है.
आखिर कब से शुरू हो पाएगा बसों का संचालन
यात्रियों को शहर के बारे में बेहतर जानकारी मिल सके और शहर के प्रमुख उत्पाद बस अड्डे पर मिल सके इसके लिए बहुद्देश्यीय मार्केट का भी प्रबंध किया जा रहा है. मेडिकल सुविधा भी मुहैया कराने के दावे किए गए, एसी और जनरल शौचालय के साथ यात्रियों के रुकने के लिए होटल में कमरे किराए पर उपलब्ध कराए जाएंगे. कार और बाइक पार्किंग को खड़ा करने की व्यवस्था के साथ ही वाहन, धूप और बारिश से बचे रहेंगे. लेकिन इतने बड़े प्रोजेक्ट की शुरुआत मुख्यमंत्री द्वारा किए जाने के बावजूद नतीजा ढाक के तीन पात जैसा है.
कानपुर में रोडवेज के क्षेत्रीय प्रबंधक अनिल अग्रवाल की माने तो कैंटीन का ठेका दिया जा रहा है और जल्द ही यहां से लोगों को बस मिलने लगेंगी. लेकिन फिलहाल तो इस बसे अड्डे का हाल अधिकारियों का नाकामी को बयां कर रहा है.
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