Kanpur Sikh Riots 1984: "वो वादा करके भूल गए हम आस लगाए बैठे हैं" ये लाइनें सिख दंगा पीड़ितों पर बिल्कुल सटीक बैठती है. जो 38 साल से इंसाफ का इंतजार करते रहे. सरकारें आई और गई लेकिन उनके जख्मों पर मरहम लगाने का काम नहीं हुआ. लेकिन अब योगी आदित्यनाथ की सरकार में गठित की गई एसआईटी ने उन्हें इंसाफ दिलाने का काम किया है. 38 सालों से इंसाफ के लिए तरस रही आंखें अब चमक उठी हैं. कानपुर में एसआईटी की जांच के बाद 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था और अब इसी क्रम में 2 अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया गया है. जल्द ही एसआईटी ऐसे 68 और आरोपियों की गिरफ्तारी करेगी.
2019 में किया गया था एसआईटी का गठन
दरअसल प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद 1984 मेंं सिख विरोधी विरोधी दंगों में कानपुर में 127 लोगों की हत्या कर दी गई थी. वहीं कई लोगों के घरों में जमकर लूटपाट की गई और जला दिया गया था. उस समय कई एफआईआर दर्ज हुई लेकिन किसी भी आरोपी को पकड़ा नहीं गया था. जिसके बाद से सिख समुदाय लगातार इंसाफ के लिए गुहार लगाता रहा. कई सरकारें आईं, कई आयोग बने, कई एसआईटी गठित हुई लेकिन किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी संभव नहीं हो सकी. 2019 में योगी आदित्यनाथ की सरकार ने एक बार फिर दंगों की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया.
सिख दंगों के मामले में 6 आरोपी गिरफ्तार
सीएम योगी के द्वारा सिख दंगों की जांच के लिए गठित की गई एसआईटी ने जांच की तो 11 ऐसे मामले पाए गए, जिसमें पर्याप्त साक्ष्य मौजूद थे और गवाह भी मिले. इसके बाद 96 आरोपियों के नाम सामने निकलकर आए हैं. जिनमें से 22 की मौत हो चुकी है जबकि 74 की गिरफ्तारी की जानी थी. इन 74 लोगों में 6 लोगों की गिरफ्तारी की जा चुकी है. जल्द ही बाकी आरोपियों की गिरफ्तारी की जाएगी. इन दंगाइयों की गिरफ्तारी घाटमपुर से की गई है.
आरोपियों के घर चले बुलडोजर-पीड़ित
सिख दंगा एसआईटी के इंचार्ज डीआईजी बालेंद्र भूषण ने कहा कि सरकार की मंशा के चलते ही ये संभव हो पाया है. सरकार ने 6 बार एसआईटी का कार्यकाल बढ़ाया. वही दंगों के मामलों में गिरफ्तारी शुरू होने के बाद सिख समुदाय संतुष्ट नजर आ रहा है. सिख समुदाय के लोगों का कहना है कि पुरानी सरकारों ने केवल उनकी भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने का काम किया. यही वजह है कि किसी की भी गिरफ्तारी नहीं हो सकी, कोई भी मुकदमा ठीक से अंजाम तक नहीं पहुंचा. अब योगी जी की सरकार में उन्हें इंसाफ मिल रहा है. वहीं सिख समुदाय का कहना है कि दंगे के जो आरोपी गिरफ्तार किए जा रहे हैं उनकी संपत्तियों पर बुलडोजर चलना चाहिए.
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