Kanpur Dehat News: उत्तर प्रदेश सरकार (UP Government) हर घर को शिक्षित करने के प्रयास में जुटी है लेकिन कानपुर देहात में हर दिन चौंका देने वाली तस्वीर सामने आ जाती है. कभी स्कूल में मासूम बच्चों से झाड़ू लगवाई जाती है तो कभी स्कूल की छत पर रखी पानी टंकी की सफाई कराई जाती है तो कहीं बच्चों से ही पेड़ों की कटाई कराई जाती है लेकिन इस बार तो बच्चों को मिलने वाली मिड डे मील (Mid DAy Meal) की थाली ही गायब कर दी गई. स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे घर से खाना लाने को मजबूर हो गए है.
बच्चों को नहीं मिल रही मिड डे मील
ताजा मामला कानपुर देहात के धनीरामपुर ग्राम पंचायत के मजरा अमर सिंह का पुरवा गांव का है. जहां पर इस सत्र की शिक्षा तो शुरू हुई लेकिन शिक्षा के साथ बनने वाला मिड डे मील का भोजन अब तक एक बार भी नहीं बना है. स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे अपने घर से खाना लेकर आ रहे हैं क्योंकि उन्हें मिड डे मील दी ही नहीं जा रही है. इस पूरे मामले को लेकर जब विद्यालय की प्रिंसिपल भावना कुरील से बात की गई तो उन्होंने कहा यहां मिड डे मील के लिए बजट ही नहीं है और जब बजट नहीं है तो खाना कैसे बनेगा.
स्कूल की प्रिंसिपल ने दी ये सफाई
प्रिंसिपल साहिबा का जवाब तो जायज है. बिना पैसों के आखिर कौन सा काम हो सकता है. इसके बाद एबीपी गंगा की टीम ने गांव के प्रधान पति कप्तान सिंह से इस बारे में बात की. उन्होंने बताया कि पिछले साल मिड डे मील उन्होंने विद्यालय में बनवाया था, लेकिन अब तक उसका भुगतान नहीं हो सका है जिसके चलते उन्होंने पल्ला झाड़ लिया और जिम्मेदारी प्रिंसिपल पर ही डाल दी. स्कूल में बनने वाले मिड डे मील की जिम्मेदारी प्रधानाध्यापक की है. उन्होंने कई बार टोल फ्री नंबर पर कई बार शिकायत करने की बात कही. इसके साथ ही अब बीएसए और जिलाधिकारी से भी शिकायत करने को कहा है.
जानिए इस मामले पर क्या कहते हैं बीएसए
इस बारे में जब बेसिक शिक्षा अधिकारी रिद्धि पांडे सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि बच्चों को शासन के द्वारा मिड डे मील दिया जाता है और इसकी जिम्मेदारी अगर नहीं निभाई गई है तो इसकी जांच होगी. जांच में दोषी पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई भी की जाएगी क्योंकि ऐसा करना नियमों के विरुद्ध है और जो भी नियमों के विरुद्ध जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई तय है.
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