Muzaffarnagar News: उत्तर प्रदेश में हुए मदरसों के सर्वे (Madrasa Survey 2022) पर मौलाना अरशद मदनी (Maulana Arshad Madani) के बयान पर राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल (Kapil dev Agrawal) ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि अरशद मदनी का बयान बेहद आपत्तिजनक है. उन्हें ऐसी बयानबाजी नहीं करनी चाहिए. हमारे देश के प्रधानमंत्री और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ (Cm Yogi Adityanath) की यही सोच है कि दीनी मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों के एक हाथ में दीनी किताब हो और दूसरे हाथ में लैपटॉप हो. मदरसों में दीनी तालीम के नाम पर सिर्फ बच्चों के जीवन से खिलवाड़ किया जा रहा है. 

 

मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने किया पलटवार

दरअसल दारुल उलूम देवबंद में मौलाना अरशद मदनी ने मदरसों के सर्वे को लेकर प्रदेश के सभी मदरसों के मौलानाओं के साथ शक्ति प्रदर्शन करते योगी सरकार पर निशाना साधा था और कहा था कि उन्हें मदरसों के लिए सरकार से किसी मदद की जरूरत नहीं है. उनके इसी बयान पर जवाब देते हुए यूपी सरकार में राज्य मंत्री कपिल देव अग्रवाल कहा कि दारुल उलूम हिंदुस्तान की एक बड़ी संस्था है और अरशद मदनी के द्वारा इस तरह की बयानबाजी करना आपत्तिजनक है. सवाल किसी भी रूप में सरकारी मदद देने या लेने का नहीं है. पीएम मोदी और सीएम योगी सिर्फ ये चाहते हैं कि दीन की पढ़ाई के साथ दूसरे हाथ में लैपटॉप हो. 

 

कपिल देव अग्रवाल ने कहा कि पीएम मोदी ने बहुत पहले कहा था कि एक हाथ में कुरान होगा और दूसरे हाथ में लैपटॉप होगा. लैपटॉप हाथ में होगा तो बच्चे आगे बढ़ेंगे साइंस, मैथ, फिजिक्स, केमिस्ट्री पढ़ेंगे और देश के अच्छे नागरिक बन सकेंगे. इस प्रकार के उल्टे सीधे बयान देकर मदरसे में पढ़ने वाले बच्चों और माता-पिता को गुमराह किया जा रहा है. सरकार चाहती है मुस्लिम समाज के बच्चे मदरसे में भी जाएं अपनी पढ़ाई करें और साथ-साथ कंप्यूटर की पढ़ाई भी करें. इस तरह से वो पढ़ेंगे तो निश्चित रूप से आगे बढ़ेंगे. आईएएस, आईपीएस अधिकारी बनेंगे. मिलिट्री के अंदर जाएंगे और देश के अच्छे नागरिक बन विकास में सहभागिता करेंगे. 

 

कपिल देव अग्रवाल ने कहा कि इस प्रकार के उल्टे सीधे बयान देकर के वो युवाओं को संकुचित और एक मानसिकता के तहत सीमित रखना चाहते हैं. जो बहुत ही आपत्तिजनक हैं. हमारी सरकार इनको आगे बढ़ाना चाहती है. उसी लाइन पर हम काम कर रहे हैं. सर्वे होने का लाभ यह होगा इससे पता चल सकेगा कि कौन से मदरसे मान्यता प्राप्त हैं और कौन से नहीं. इनकी जानकारी प्राप्त होगी तो समान स्तर की पढ़ाई पूरे देश में हो सकेगी.