UP News: कासगंज जनपद के टीबी अस्पताल में दवाएं जलाने के मामले में एबीपी गंगा ने प्रमुखता से खबर दिखाई थी. एबीपी गंगा की खबर के बाद टीबी अस्पताल में दवाओं में आग लगाए जाने के मामले में जिलाधिकारी हर्षिता माथुर ने कमेटी बनाकर जांच के आदेश दिए थे. इस मामले में एबीपी गंगा को कुछ ऐसे सबूत मिले हैं जो बता रहे हैं कि जिन दवाओं में आग लगाई गई वह एक्सपायरी दवाई नहीं थी.
जली दवाओं के एक्सपायरी डेट थे अक्टूबर 2022
दरअसल, जली हुई दवाओं की एक्सपायर डेट अक्टूबर 2022 की है. इसी तरह तमाम ऐसी दवाएं हैं जो 2022- 2023 में एक्सपायर हो रही थी लेकिन इन दवाओं में आग क्यों लगाई गई इस पर जांच जारी है. इस मामले में कासगंज के सीएमओ अनिल कुमार ने बताया कि एबीपी गंगा पर जो खबर दिखाई गई थी उस मामले में एसीएमओ अतुल सारस्वत जांच कर रहे हैं. फिलहाल वहां तैनात सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर सौरभ जौहरी को हटा दिया गया है.
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केंद्र सरकार द्वारा भेजी जाती हैं दवाएं
बता दें कि टीबी अस्पताल में आने वाली दवाओं को केंद्र सरकार द्वारा भेजा जाता है और यह काफी महंगी दवाएं होती हैं. कासगंज के सीएमओ अनिल कुमार ने बताया के क्षय रोग से ग्रसित मरीजों की रिपोर्ट केंद्र को भेजी जाती है और उसके बाद वहां से टीवी के मरीजों के लिए यह दवाएं भेजी जाती हैं जो काफी महंगी होती हैं.
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