Kasganj News: यूपी के कासगंज (Kasganj) की बिलराम नगर पंचायत में 24 महीनों से वेतन न मिलने के कारण सफाई कर्मियों की हड़ताल 11 वें दिन भी जारी रही. वहीं दूसरी तरफ बिलराम कस्बे के 11 वार्ड में लोग कचरे के अंबार से जूझ रहे हैं. कचरे के ढेर से उठती दुर्गंध स्थानीय लोगों को परेशान कर रही है. कचरे के ढेर की वजह से संक्रमण का खतरा भी बढ़ रहा हैं. सफाईकर्मियों का आरोप है कि राज्य वित्त से ठेकेदारों के भुगतान होते रहे हैं, लेकिन सफाई कर्मियों का वेतन नहीं दिया गया है.
कचरे के ढेर से आम लोगों का जीना मुहाल
हालत ये है कि इस कस्बे की हर गली में जगह जगह कूड़े के ढेर लगे हुए हैं. नालियों में सफाई न होने के कारण नालियां भी अटी पड़ी हैं. हाल ही में हुई बारिश से गलियों में पड़ा कचरा सड़ने लगा है. जिसके कारण हर गली मोहल्ले में दुर्गंध फैल रही है. सड़ते कचरे ने कस्बे में संक्रमण का खतरा बढ़ा दिया है. गली पीरजादा में हर पांच कदम पर कचरे के ढेर हैं. लोग खुद उफनती नालियों को साफ कर रहे हैं. शहर के मेन बाजार का भी यही हाल है. नगर पंचायत कार्यालय के बाहर पिछले 11 दिन से एकत्रित होते कचरे का बड़ा ढेर लगा है. इस ढेर में मरे हुए पक्षी, बायोमेडिकल वेस्ट भी शामिल है.
क्यों है सफाई कर्मी हड़ताल पर
सफाई कर्मियों के अनुसार उन्हें लगभग 24 महीने से वेतन नहीं मिला है. इन लोगों को करीब 44 लाख 80 हजार 683 रुपये वेतन बकाया है. सफाई कर्मियों की 6 सूत्रीय मांगें हैं. जिनके पूरा होने के बाद ही वे काम पर लौटेंगे. कर्मचारियों अनुसार राज्य वित्त से मिलने वाली ग्रांट से उनके वेतन का भुगतान किया जाता रहा है. लेकिन कोरोना काल से नगर पंचायत की ग्रांट में कटौती होने के बाद कर्मचारियों के वेतन नहीं दिया गया. कर्मचारियों का आरोप है कि वर्तमान नगर पंचायत अध्यक्ष ने ग्रांट से ठेकेदारों के नियमित भुगतान किए हैं, लेकिन उनका वेतन नहीं दिया. राज्य वित्त की ग्रांट कम होने के कारण कर्मचारी 15 वें वित्त से वेतन भुगतान करने के लिए जिलाधिकारी हर्षिता माथुर को ज्ञापन दे चुके हैं.
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