Lalitpur News: ललितपुर जेल में बंद रेप के आरोपी ने फांसी लगाकर दी जान, जमानत खारिज होने के बाद से डिप्रेशन में था
Lalitpur Jail: पाली रेप कांड काफी सुर्खियां में रहा था. इस मामले में एक इंस्पेक्टर समेत 6 लोगों पर थाने में आई नाबालिग से थाने के अंदर ही रेप का आरोप लगा था. मृतक की जमानत भी खारिज हो गई थी.
Pali Rape Case: ललितपुर जिला कारागार (Lalitpur Jail) में बहुचर्चित पाली रेप कांड (Pali Rape case) के आरोपी राजभान अहिरवार ने फांसी का फंदा लगाकर (Suicide) जान दे दी. जिससे जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया. परिजनों का कहना है कि कैदी जमानत खारिज हो जाने के बाद डिप्रेशन में रहने लगा था. उसने पहले भी कई बार फांसी लगाने की कोशिश की है. वो अक्सर कहता था कि वो निर्दोष है उसे फंसाया गया है. आज फिर उसकी तारीख थी, लेकिन इससे पहले ही उसने मौत को गले लगा लिया.
पाली रेप कांड काफी सुर्खियां में रहा था. इस मामले में एक इंस्पेक्टर समेत 6 लोगों पर नाबालिग लड़की से रेप का आरोप लगा था. आरोप है कि इन छह आरोपियों ने थाने में आई नाबालिग से थाने के अंदर ही रेप किया. जिसमें थाने में तैनात इंस्पेक्टर तिलकधारी सरोज भी एक आरोपी है. इन सभी को जेल में भेज दिया गया था. बताया गया है कि मृतक कैदी की जमानत खारिज हो जाने से वह डिप्रेशन में रहने लगा था. जिसकी वजह से उसने अपनी जान दे दी.
परिजनों ने जेल प्रशासन पर लगाए गंभीर आरोप
वहीं दूसरी तरफ परिजनों ने जेल प्रशासन पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि जब मृतक कैदी की मां जिला कारागार पहुंची तो बेहोशी की हालत में उनसे अंगूठा लगवा लिया गया और बॉडी को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया. इसके साथ ही परिजनों ने जेल प्रशासन पर प्रताड़ना के आरोप भी लगाए.
इस मामले में ज्यादा जानकारी देते हुए जेलर लाल रत्नाकर ने कहा कि राजभान अहिरवार विचाराधीन बंदी था, जो कि रेप कांड में पिछले आठ महीने से जेल में बंद था. राजभर अहिरवार लगातार खुद के निर्दोष होने का दावा कर रहा था, जब उसकी जमानत नहीं हुई तो वो बार-बार यही कहता था कि उसे फर्जी तरीके से फंसाया गया है. जमानत नहीं होने के वजह से वो मानसिक रूप से अवसाद में रहने लगा था. आज जब आत्महत्या की खबर लगी, तो प्रशासन ने तत्काल उच्चाधिकारियों को सूचित किया. जिसके बाद फॉरेंसिक टीम बुलाकर उसका शव उतारा गया.
जेलर ने कहा कि मृतक कैदी को लगा कि अब वो रिहा नहीं हो सकेगा, जिसके बाद उसने आत्महत्या कर ली. कुछ बंदी कमजोर दिल के होते हैं. राजभान अहिरवार भी ये सदमा झेल नहीं पाया.
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