UP News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में होने वाले निकाय चुनाव (Nikay Chunav) को लेकर होने वाली सुनवाई अब शुक्रवार को होगी. बुधवार को हुई सुनवाई में सरकार की मांग थी कि मामला जल्द निस्तारित किया जाए.समय की कमी के चलते सुनवाई पूरी नहीं हो पाई इसलिए कोर्ट ने अगली सुनवाई गुरुवार को तय की थी. राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता विनोद कुमार शाही ने कोर्ट से इस मामले को जल्द निस्तारित करने की अपील की है.


जस्टिस देवेंद्र कुमार उपाध्याय और जस्टिस सौरभ लवानिया की खंडपीठ ने यह आदेश दिया है. बहस के दौरान बुधवार को याचियों की ओर से दलील दी गई कि निकाय चुनावों में ओबीसी आरक्षण एक प्रकार का राजनीतिक आरक्षण है. इसका सामाजिक, आर्थिक या शैक्षिक पिछड़ेपन से कोई लेना-देना नहीं है. ऐसे में ओबीसी आरक्षण तय किए जाने से पहले सुप्रीम कोर्ट की दी गई व्यवस्था के तहत डेडिकेटेड कमेटी द्वारा ट्रिपल टेस्ट कराना जरूरी है. बीते मंगलवार को सुनवाई के समय राज्य सरकार का कहना था कि मांगे गए सारे जवाब, प्रति शपथपत्र में दाखिल कर दिए गए हैं. इस पर याचियों ने आपत्ति करते हुए सरकार से विस्तृत जवाब मांगे जाने की गुजारिश की, हालांकि कोर्ट ने जवाब मांगने की गुजाऱिश को खारिज कर दिया. 


क्या अब जनवरी में होगा चुनाव ?


दरअसल,25 दिसंबर से कोर्ट में सर्दी की छुट्टियां शुरू हो रही है. वहीं नगर निकाय चुनाव को लेकर कई याचिकाएं एक साथ लंबित हैं. इस वजह से सुनवाई में काफी समय भी लग रहा है. दूसरी ओर अगर सुनवाई शुक्रवार तक पूरी होकर फैसला नहीं आया तो फिर इस मामले में विंटर वेकेशन के बाद जनवरी में ही अगली सुनवाई संभव हो पाएगी. इस वजह से निकाय चुनाव 2022 में पूरे नहीं हो पाएंगे और चुनाव लंबा टल सकता है.


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