Lucknow Development Authority: एलडीए के चीफ इंजीनियर (LDA Cheif Engineer Indu Shekhar Singh) इंदु शेखर सिंह को रिटायरमेंट के एक हफ्ते पहले कुर्सी से हटाने के मामले में कमिश्नर रंजन कुमार (Commissioner Ranjan Kumar) से पंगा सामने आ रहा है. चीफ इंजीनियर ने कमिश्नर के बंगले में 1 करोड़ रुपए के खर्चे से मरम्मत और निर्माण कार्य की फाइल पर आपत्ति लगा दी थी जिसको लेकर दोनों के बीच ठन गई. आपत्ति लगने से कमिश्नर रंजन कुमार का आलीशान बंगला बनाने का ख्वाब मिट्टी में मिल गया और उन्होंने आपत्ति के ठीक दूसरे दिन चीफ इंजीनियर का तबादला करा दिया. फिलहाल चीफ इंजीनियर को एलडीए से हटाकर आवास बंधु भेज दिया गया है लेकिन यह मामला एलडीए समेत पूरे प्रदेश के अधिकारियों में चर्चा का विषय बना है.


कमिश्नर से पंगा लेना पड़ा भारी


मूछों की इस लड़ाई के पीछे बटलर पैलेस स्थित बंगला नंबर A 3 है. इस बंगले में पिछले 20 साल से सीनियर आईएएस अफसर और मायावती के प्रमुख सचिव रहे रविंद्र सिंह अपनी पत्नी के साथ रह रहे थे. 2 महीने पहले ही उन्होंने रिटायर होने के बाद बंगला छोड़ दिया. करीब 1 महीने पहले ये बंगला लखनऊ मंडल के कमिश्नर रंजन कुमार को अलॉट किया गया. रंजन कुमार एलडीए के अध्यक्ष भी हैं. वो इस वक्त आईएएस अफसरों के लिए बने अपार्टमेंट पीएसआई टॉवर में रह रहे हैं. उन्होंने बंगले को भव्य बनाने के लिए 1 करोड़ रुपए से ज्यादा का लंबा-चौड़ा एस्टीमेट बनाया. इसमें 82 लाख रुपए के आसपास मरम्मत और निर्माण कार्य में खर्च होने थे जबकि लगभग 25 लाख रुपए इलेक्ट्रिसिटी से संबंधित कामों के थे.


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जानिए क्या है वजह
एलडीए का अध्यक्ष होने के नाते सीनियर आईएएस रंजन कुमार ने अपने ख्वाबों के बंगले की फाइल एलडीए को ही सौंप दी. उन्होंने अवस्थापना निधि से सभी काम कराने के निर्देश दिए. हालांकि, चीफ इंजीनियर इंदु शेखर सिंह ने रंजन कुमार की फाइल पर आपत्ति लगाते हुए उसे फाइनेंस कंट्रोलर को भेज दिया. चीफ इंजीनियर ने फाइल पर लिखा कि जिस बंगले में निर्माण और मरम्मत का काम कराने के लिए एलडीए की अवस्थापना निधि से रकम खर्च किए जाने का प्रस्ताव रखा गया है, वह राज्य संपत्ति विभाग का है. एलडीए किसी भी दूसरे विभाग के आवासों की मरम्मत और निर्माण के लिए रकम नहीं देता है. बंगले की मरम्मत और वहां निर्माण का कार्य राज्य संपत्ति विभाग से ही कराया जाना चाहिए.
 

रिटायरमेंट से पहले नपे एलडीए चीफ इंजीनियर
कमिश्नर के बंगले की फाइल फंसी तो चीफ इंजीनियर की कुर्सी भी फंस गई. एलडीए सूत्रों के मुताबिक कमिश्नर ने चीफ इंजीनियर के रिटायरमेंट से हफ्ते भर पहले शासन को उनकी कारगुजारियों का चिट्ठा दिखाते हुए उन्हें कुर्सी से हटवा दिया. चीफ इंजीनियर का तत्कालीन वीसी अभिषेक प्रकाश समेत कई आईएएस अफसरों से पंगा था. अभिषेक प्रकाश ने तो चीफ इंजीनियर इंदु शेखर सिंह की जांच तक करा डाली. इंदु शेखर पर यह भी आरोप है कि उन्होंने अपनी पत्नी और बेटियों के नाम से एक रियल स्टेट कंपनी बनाकर मोहनलालगंज में सरकारी जमीनों पर कब्जा किया. अभिषेक प्रकाश ने इसकी जांच कराकर मोहनलालगंज कोतवाली में एफआईआर भी दर्ज करवाई है.

 

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