Potato Prices: उत्तर प्रदेश में पिछले कुछ समय में आलू की कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. फुटकर में आलू 40-50 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिक रहा है. सब्जियों की महंगाई की वजह से लोग परेशान हैं. आलू की कीमतों में बढ़ोतरी के पीछे जमाखोरी को सबसे बड़ी वजह बताया जा रहा है. अभी भी क़रीब 60 फीसद आलू स्टोर में जमा है लेकिन जमाखोर आलू बाहर धीमी गति से निकाल रहे हैं जिससे बाजार में इसकी कीमतें बढ़ी हुई हैं.
आलू की जमाखोरी को देखते हुए प्रशासन भी एक्टिव हो गया है जिसे देखते हुए अब हर जिले में कोल्ड स्टोर वार आलू की निकासी की रिपोर्ट मांगी गई है. इससे पहले उद्यान मंत्री दिनेश सिंह ने भी कोल्ड स्टोरेज का औचक निरीक्षण किया था, जिसके बाद उन्होंने आलू की जमाखोरी की आशंका जताई थी. जमाखोरी को रोकने के लिए मंत्री ने अधिकारियों को कोल्ड स्टोरेज की निगरानी के निर्देश दिए हैं और अधिकारियों से कोल्ड स्टोरवार रिपोर्ट मांगी है.
पिछले साल के मुकाबले महंगा हुआ आलू
प्रदेश में इन दिनों थोक में सफेद आलू 2426 रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा है. जबकि फुटकर तक आते-आते इसकी कीमतें 40 रुपये प्रति किलो हो गई है. आलू को कोल्ड स्टोर में रखने की वजह से इनकी कीमतों में बढ़ोतरी देखी जा रही है. व्यापारी आलू को अभी बाहर नहीं निकाल रहे हैं जिसके चलते आलू ऊंचे दाम पर बिक रहा है.
इस बार प्रदेश में 222 लाख मीट्रिक टन आलू का उत्पादन हुआ है हालांकि उद्यान विभाग ने इस 245 लाख मीट्रिक टन आलू की पैदावार का लक्ष्य रखा था. इनमें से 139 लाख मीट्रिक टन आलू कोल्ड स्टोर में रखा गया. इनमें से 40 फीसद आलू निकाल लिया गया है.
जमाखोरी ने बढ़ाई कीमतें
यूपी में करीब 198 कोल्ड स्टोर हैं. आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल के मुक़ाबले इस साल आलू की औसत कीमतों में इजाफा हुआ है. आलू की फसल के दौरान किसानों ने आलू को 1200-1600 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से बेचा लेकिन मई के बाद इनकी कीमते बढ़ गईं है और अब ये 2400 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से बिक रहा है. आलू की कीमतों में आई बढ़ोतरी के लिए जमाखोरी को बड़ी वजह बताया जा रहा है.
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