Madrasa Survey: गाजीपुर में चलने वाले 128 मदरसों को नहीं मिलीं किताबें, जानें- क्या है वजह?
Madrasa Survey: यूपी में हो रहे मदरसों के सर्वें के बीच गाजीपुर से एक बड़ी खबर सामने आई है, जहां जनपद के 128 मदरसों में अब तक किताबें नहीं पहुंची है. छात्र बिना किताबों के पढ़ाई कर रहे हैं.
Madrasa Survey In Ghazipur: उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा इन दिनों मदरसों (Madrasa Survey) के सर्वे की बात कही जा रही है इससे पहले कई जनपदों से मदरसों में सिर्फ दीनी तालीम की बात सामने आ रही है जबकि सरकार की मंशा है कि मदरसों में दीनी तालीम के साथ ही दुनियावी तालीम भी छात्रों को दी जाे. जिसके लिए शासन के द्वारा निशुल्क किताबें भी उपलब्ध कराई जाती हैं. लेकिन जनपद गाजीपुर की बात करें तो गाजीपुर (Ghazipur) जनपद में चलने वाले 128 मदरसों में अभी तक किताबें नहीं मिल सकती हैं. इतना ही नहीं मदरसों द्वारा हर साल हिंदी मीडियम की किताबें मांगी जाती है लेकिन बेसिक शिक्षा विभाग के द्वारा उर्दू की किताब उपलब्ध कराई जाती हैं.
जनपद के 128 मदरसों में नहीं हैं किताबें
जनपद गाजीपुर में इन दिनों 128 मदरसों का संचालन जिला अल्पसंख्यक विभाग के द्वारा किया जा रहा है और इन मदरसों में छात्रों की शिक्षा के लिए दीनी तालीम के साथ ही दुनियावी तालीम के लिए बेसिक शिक्षा विभाग के द्वारा किताबें उपलब्ध कराई जाती हैं, लेकिन अभी तक जनपद के किसी भी मदरसे में किताब उपलब्ध नहीं हो पाई है इसको लेकर एबीपी गंगा ने जनपद के मदरसा कादरिया के प्रिंसिपल से बात की तो उन्होंने बताया कि उनके मदरसे में अभी तक कोई भी किताब उपलब्ध नहीं कराई गई है जिसके चलते पुराने किताबों से छात्रों की पढ़ाई कराई जा रही है.
इस दौरान उन्होंने बताया कि जैसा कि उनके विभाग के डायरेक्टर का भी निर्देश है कि मदरसों में हिंदी मीडियम की किताबें उपलब्ध कराई जाए, पिछले वर्ष तक उनके मदरसे में उर्दू मीडियम की किताबें उपलब्ध कराई गई हैं. इस बार भी उन्होंने हिंदी मीडियम की किताब के लिए लिख कर दिया है लेकिन अभी तक कोई भी किताब उपलब्ध नहीं हो पाई है.
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अल्पसंख्यक अधिकारी ने दी ये जानकारी
वही जब जिला अल्पसंख्यक अधिकारी प्रभात कुमार से बात की गई तो उन्होंने बताया कि बेसिक शिक्षा विभाग के द्वारा मदरसों को किताब उपलब्ध कराई जाती है लेकिन अभी तक किसी भी मदरसे को किताबें नहीं उपलब्ध कराई गई हैं वहीं जब हिंदी मीडियम के किताबों के डिमांड के बाद भी उर्दू मीडियम की किताब उपलब्ध कराए जाने पर उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा जो किताब उपलब्ध कराई जाएगी वहीं किताबें मदरसों को उपलब्ध कराई जाएगी. ऐसे मे यह साबित होता है कि सरकार में मदरसों में उर्दू की शिक्षा पर ही जोर दिया जा रहा है तो फिर मदरसों में शिक्षा को लेकर सर्वे कराने का क्या औचित्य है.
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