Accident in School in Ayodhya: अयोध्या (Ayodhya) के एक निजी स्कूल (Private School) में बड़ा हादसा हुआ है. दरअसल, शुक्रवार को अयोध्या जनपद के सोहावल क्षेत्र में आर एन पब्लिक स्कूल में लंच के समय बच्चे झूला झूल रहे थे उसी समय झूले का पिलर (Pillar) नीचे से उखड़ गया जिसके नीचे दबकर 10 वर्षीय छात्र (Student) की मौत हो गई. मृत छात्र का नाम अमर वर्मा बताई गई. वहीं इस हादसे में दो बच्चे समर और उमंग वर्मा गंभीर रूप से जख्मी हो गए. यह दोनों बच्चे एक ही परिवार के हैं जिसमें से एक अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ रहा है. वहीं दूसरे के पैर टूटने और इस हादसे के कारण सो नहीं पा रहा है. वैसे तो यह मामला महज दुर्घटना का लगता है लेकिन वहां पहुंचने पर स्कूल की जो तस्वीर देखी गई वह चौंकाने वाली है.


कक्षा 5 तक की मान्यता वाला यह स्कूल टीन सेड और छप्पर के नीचे चल रहा है उस पर विडंबना यह कि टीन और छप्पर के भी कुछ हिस्से टूटे हुए हैं. खिड़किया गायब है तो वहीं टीन शेड के नीचे जो लकड़ी की बल्लियों का सपोर्ट के तौर पर इस्तेमाल किया गया है वह भी जगह-जगह से टूटी है और उनको रस्सियों से बांधा गया है यानि जो हादसा हुआ उससे भी बड़ा हादसा हो सकता था. या इससे बड़ा हादसा आगे कभी भी हो सकता है. इसीलिए अब बच्चों के परिजन जितना स्कूल को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं उससे कहीं अधिक अयोध्या के बेसिक शिक्षा विभाग को इस घटना के लिए जिम्मेदार मानते हैं. उनका सीधा आरोप है कि जब स्कूल के मानक ही नहीं पूरे तब स्कूल को मान्यता कैसे दे दी गई?


परिजनों ने बेसिक शिक्षा विभाग पर खड़े किए सवाल
छात्र के परिजन अजीत वर्मा ने हादसे पर कहा कि इसकी मुख्य वजह मैं आपको बताना चाहता हूं. जितना स्कूल वाले माफिया जिम्मेदार हैं उतना ही जिम्मेदार यहां की प्रशासन है. वह मान्यता तो दे देते हैं यहां पर लोगों को स्कूल खोलने की पर यह नहीं देखते हैं की स्कूल का क्या मानक होना चाहिए. मानक तो दे दिए पर जांच करके यह नहीं देखा कमरे बने हैं कि नहीं बैठने की व्यवस्था है कि नहीं पढ़ाने वाले टीचर का क्या क्वालिफिकेशन है. केवल मान्यता पैसों के जरिए दे दी गई और स्कूल माफिया यहां पर अच्छे खासे लोगों को लूट रहे हैं.


मृत छात्र के पिता ने स्कूल को ठहराया जिम्मेदार
मृतक बच्चे के पिता विजय कुमार ने कहा कि हम जिम्मेदार स्कूल वाले को मानते हैं. बच्चों की क्या गलती है बच्चे जैसे पाएंगे वैसे ही झूलेंगे. वहां झूला मजबूती से नहीं था इसलिए पलट गया. इस हादसे में मेरा बच्चा दब गया मेरे पास फोन गया. उसके बाद मैं अस्पताल गया जहां मेरा बच्चा मृत था.


विभाग ने दिए कार्रवाई के आदेश
वही अयोध्या के बेसिक शिक्षा अधिकारी से जब इस बारे में सवाल किया गया तो उन्हें स्कूल से जुड़े सारे नियम कायदे याद आ गए. उन्होंने शासनादेश का हवाला देते हुए कहा कि स्पष्ट निर्देश है बिना मानक के ना तो मान्यता दी जाएगी और ना ही कोई स्कूल चलेंगे यही नहीं घटना की 24 घंटे बाद तक इस मामले का कोई संज्ञान ना लेने वाले बेसिक शिक्षा अधिकारी अचानक कड़क हो गए और कहा कि अभी शिक्षा अधिकारी को जांच कर रहे हैं रिपोर्ट मिलते ही स्कूल पर कार्रवाई की जाएगी.


बेसिक शिक्षा अधिकारी अयोध्या संतोष कुमार राय का कहना है कि  निश्चित रूप से मान्यता के जो मानक है 2019 का जो शासनादेश है उसके अंतर्गत परीक्षण करके मान्यता दी जाती है और जो प्रकरण आप बता रहे हैं उसे लेकर तत्काल शिक्षा अधिकारी को जांच के लिए निर्देशित कर रहा हूं. हम विद्यालय की मान्यता देखेंगे और जो घटना घटी है उसके कारणों में जाकर के उसके रिपोर्ट के आधार पर आगे बढ़ेंगे. शासन से और विभाग से स्पष्ट निर्देश हैं कि बिना मान्यता के और बिना मानक को पूरा किए बिना कोई भी प्राइवेट स्कूल नहीं चलेंगे और इसे जनपद में कठोरता से लागू भी कराया जाएगा.


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