Barabanki News: यूपी के बाराबंकी (Barabanki) जिले में मनरेगा योजना (MGNREGA Scheme) में हुए फर्जीवाड़े की शिकायत ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से की है. जिसके बाद मामले में खंड विकास अधिकारी ने जांच बैठा दी है. ग्रामीणों का कहना है गांव में बिना काम करवाए सरकारी खजाने से लाखों की लूट-घसूट की गई है. गांव में हो रहे विकास कार्यों को बाहरी जनपद से मजदूर बुलाकर काम करवाया जा रहा है. जिससे गांव में लोगों को रोजगार नहीं मिला रहा है. ये मामला सामने आने के बाद जब एबीपी गंगा की टीम इन इलाकों में गई तो पाया कि गांव में कई ऐसे कार्य हैं जो सिर्फ कागजों पर ही हुए हैं. 


मनरेगा के कामों में लूट-खसोट


ये मामला बाराबंकी जिले की तहसील नवाबगंज के विकास खंड देवा के हरई गांव का है. जहां हर कदम पर गांव में विकास करवाने के नाम पर लूट घसूट की गई है. ग्रामीणों को रोजगार देने के लिए केन्द्र और राज्य सरकार मनरेगा योजना चला रही है. जिससे लोगों को गांव में काम मिले और उन्हें बाहर मजदूरी करने न जाना पड़े. इसके लिए ग्राम प्रधान और पंचायत सचिव जॉब कार्ड बनाकर देते है और उसी जॉब कार्ड के जरिये ही उन्हें अपनी ही ग्राम पंचायत में काम मिल जाता है. मनरेगा के तहत काम करने वाले लोगों को सरकार सीधे खाते में मजदूरी भेजती है


दूसरे मजदूर से काम के लिए बुलाए मजदूर


हरई गांव में बेरोजगार और जरुरत मंद लोगों को काम न देकर बाहर से मजदूरी करवाने के लिए गांव में ठेके पर मजदूर बुलाए गए. गांव में ऐसे तमाम लोगों को जॉब कार्ड बनाकर दे दिए गए है जिनके घर पहले से ही सम्पन्न है और उनके घरों में चार पहिया वाहन तक हैं. ग्रामीण बताते है हर जगह फर्जीवाड़ा किया गया है. गांव में बनाए जा रहे अमृत सरोवर के खुदाई का काम बाहर से बुलाए गए मजदूरों से करवाई जा रही थी. यही नहीं गांव में बने मिनी सचिवालय में मरम्मत के नाम पर ग्राम प्रधान व पंचायत सेकेट्री ने खानापूर्ति करके लाखों रुपये सरकार के खजाने से निकाल लिए. 


ग्रामीणों ने लगाए गंभीर आरोप


ग्रामीणों का आरोप है कि गांव में ऐसे कई कच्चे चकमार्ग है जिनपर कहीं कहीं मिट्टी डलवाकर चकरोड पटवाने के नाम पर डाका डाला गया. बल्कि ग्राम पंचायत हरई के पूर्व माध्यमिक विद्यालय बबुरिहा में भी लगाई गई टाइल्स और लोहे की जाली के नाम पर भी खानापूर्ति कर घटिया क्वालिटी के सामान का इस्तेमाल किया गया है. जिसकी शिकायत ग्रामीणों ने जिलाधिकारी बाराबंकी डॉ आदर्श सिंह से की.


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शिकायत के बाद जांच के निर्देश


एबीपी गंगा की टीम जब हरई गांव पहुंची तो ग्रामीणों ने एक के बाद एक फर्जीवाड़े दिखाए. मिनी सचिवालय का जो पिलर बना है वो आरसीसी सीमेंट का न बनाकर ईंट से बना दिया गया वही मिनी सचिवालय के अंदर जो शौचालय बना है उसके मरम्मत के नाम पर पैसों की लूट-घसूट की गई. गांव के रहने वाले ताज मिया, जुबेर अहमद, लोगोश कुमार वर्मा, बंशीलाल, राहुल कुमार, राम प्रसाद सहित गांव के दर्जनों लोगों ने इसकी शिकायत जिलाधिकारी और ब्लॉक के खंड विकास अधिकारी से की है, जिसके बाद इस मामले पर जांच बिठा दी गई है.


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