Kanpur News: बंदरों के आगे कानपुर पुलिस कमिश्नर दफ्तर पस्त, भगाने के लिए लगाए गए लंगूरों के पोस्टर
Kanpur News: कानपुर पुलिस कमिश्नर दफ्तर के अफसरों ने बंदरों से छुटकारा पाने के लिए अनोखा तरीका निकाला है. ऑफिस में चारों तरफ लंगूर की ऊंचाई वाले करीब 3-3 फुट के कटआउट लगवा दिए हैं.
Kanpur News: उत्तर प्रदेश पुलिस (UP Police) का डंका वैसे तो अपराधियों में खूब गूंज रहा है लेकिन बंदरों के आगे पुलिस भी फेल हो गई है. कानपुर पुलिस कमिश्नर (Kanpur Police Commissioner) ऑफिस का आलम ये है यहां खुद पुलिसकर्मी बंदरों (Monkey Problem) से इतना परेशान हो गए हैं कि अब उन्हें लंगूर का सहारा लेना पड़ रहा है. कभी बार नगर निगम को शिकायत करने के बाद भी जब बंदरों पर काबू नहीं पाया जा सका तो अब पुलिस ने गजब का रास्ता निकाला है. कमिश्नर दफ्तर में चारों तरफ लंगूर के पोस्टर लगवाए गए हैं. ताकि बंदर यहां से दूर रहें.
कानपुर कमिश्नर दफ्तर में बंदरों का आतंक
कानपुर पुलिस कमिश्नर ऑफिस में ज्वाइंट सीपी के दोनों ऑफिस हैं. डीसीपी वेस्ट का ऑफिस है इसके अलावा यहां दर्जनों पुलिसकर्मियों के ऑफिस है. जहां तमाम केसों से संबधित कई तरह के अहम दस्तावेज रखे रहते हैं. इस दफ्तर में बंदरों से कई सालों से आतंक फैला रखा है. हालत ये है कि ये बदंर कभी दफ्तर में घुसकर पुलिस कर्मियों को परेशान करते हैं तो कभी ऑफिस में रखी फाइलों को फाड़ देते हैं. यहीं नहीं दफ्तर में आने वाले लोगों के हाथों से सामान छीन कर भाग जाते हैं.
बंदरों से छुटकारा पाने का अनोखा तरीखा
बंदरों का आंतक यहीं खत्म नहीं होता है. कमिश्नर दफ्तर के सामने अक्सर कई गाड़ियां खड़ी रहती है. ये बंदर इन गाड़ियों को भी नहीं बख्शते हैं. कई बार इन गाड़ियों के सीट कवर को ये फाड़ देते हैं या उन्हें नुकसान पहुंचा देता है. माना जाता है कि लाल मुंह वाले बंदरों को लंगूर बंदरों से काफी डर लगता है. जहां लंगूर रहते हैं वहां बंदर नहीं आते हैं. ऐसे में कानपुर पुलिस कमिश्नर दफ्तर के अधिकारियों ने इन बंदरों से छुटकारा पाने के लिए अनोखा तरीका निकाला है.
कमिश्नर दफ्तर के अधिकारियों ने चारों तरफ लंगूर बंदर की ऊंचाई वाले करीब 3-3 फुट के कटआउट लगवा दिए हैं ताकि उन्हें देखकर बंदर वहां से भाग जाए. ये कटआउट कहीं पेड़ों पर टांगे गए है तो कई लाइटों के ऊपर लगा दिए गए हैं, जिन्हें देखकर बंदरों के लगे कि यहां पर लंगूर आ गए है और वो यहां न आएं. अब देखना दिलचस्प होगा कि इनका कितना असर देखने को मिलता है.
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