Namaz Controversy In Moradabad: उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद (Moradabad) में एक घर में सामूहिक रूप से नमाज़ पढ़ने वाले 26 लोगों पर मुकदमा दर्ज होने के बाद इसे लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है. AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने ट्वीट करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) से सवाल किया है कि क्या अब घरों में भी नमाज़ पढ़ने के लिए सरकार और पुलिस (Police) से इजाज़त लेनी पड़ेगी और कब तक मुस्लिमों के साथ देश मे दूसरे दर्जे के नागरिकों वाला सलूक किया जाएगा? 


जानिए क्या है पूरा मामला?
दरअसल, मुरादाबाद के थाना छजलैट के गांव दुल्हेपुर में बिना मस्जिद-मदरसे के एक घर में सामूहिक नमाज पढ़ने का एक वीडियो सामने आया है. मुस्लिम लोगों ने वीडियो को स्वीकार किया है लेकिन वीडियो को 3 जून की नमाज का बताया है. उसके बाद कोई नमाज सामूहिक रूप से गांव में नहीं हुई. जबकि हिन्दू पक्ष का कहना है कि नमाज का ये वीडियो 3 जून का है लेकिन अभी भी सामूहिक रूप से नमाज जारी है. इसीलिए पुलिस में शिकायत की गई. गांव में रहने वाले हिन्दू पक्ष के लोगों का कहना है कि गांव में कोई मस्जिद या मदरसा नहीं है और न ही गांव में कोई मंदिर है हम लोग एक किलोमीटर दूर दूसरे गांव में पूजा करने जाते हैं. 


हिन्दू पक्ष ने लगाया ये आरोप


हिन्दू पक्ष के लोगों का आरोप है कि यहां के मुस्लिम लोग इकट्ठा होकर नई परंपरा के तहत घरों में सामूहिक नमाज पढ़ रहे हैं जो सही नहीं है. हमारा भी गांव में कोई मंदिर नहीं है लिहाजा हम पास के गांव में पूजा करने व जल चढ़ाने जाते हैं. हम कोई नई परंपरा डालना नहीं चाहते. हमने जब नमाज को मना किया तो ये नहीं माने, जिसके बाद पुलिस में इसकी शिकायत करनी पड़ी. इस मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. पुलिस आगे की कार्रवाई में जुट गई है. 


मुस्लिम पक्ष की ओर से दी गई ये दलील
वहीं दूसरी ओर मुस्लिम पक्ष के लोग भी इकट्ठा थे उनसे बात करने पर उन्होंने बताया कि नमाज का यह वीडियो एकदम सही है और वीडियो भी यहीं का है लेकिन ये वीडियो 3 जून का है. हम लोग गांव में सन 1980 से सामूहिक रूप से घर में नमाज़ पढ़ते चले आ रहे है लेकिन अब 3 जून 2022 से नमाज़ पर एतराज होने के बाद से हम सामूहिक नमाज़ नही पढ़ रहे हैं. पुलिस गश्त करती है और हमारे घरों में झांकती है कोई नमाज़ तो नही पढ़ी जा रही. जब 3 जून को इन लोगों ने एतराज किया था तब से कोई सामूहिक नमाज नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि जो 24 तारीख को नमाज की बात पुलिस से कही गई है वो गलत है. अब मुकदमा हो गया है तो जमानत तो करानी ही पड़ेगी, वो भी करा लेंगे.


मुस्लिम पक्ष के लोगों ने कहा कि अगर पुलिस इस मामले में गिरफ्तारी के लिए कहेगी तो हम गिरफ्तारी भी दे देंगे. हमने हमेशा सब के विवाद सुलझाए हैं हम चाहते हैं कि गांव में जो भी विवाद है वह आपसी सहमति से सुलझे. हमें नमाज़ से न रोका जाए. जब से पुलिस ने मना किया है हम सामूहिक रूप से नमाज़ नही पढ़ रहे है.   
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गांव के बुजुर्ग ने कही ये बात
गांव में ही बड़ी संख्या में मौजूद मुस्लिम लोगों के बीच से एक बुजुर्ग शख्स जो गांव के पूर्व प्रधान हैं उन्होंने बताया कि जो हो रहा है वो गलत है. पता नहीं क्यों किया जा रहा है लेकिन सही बात तो ये है कि नमाज पिछले काफी समय से पढ़ी जाती रही है नया कुछ नहीं है. जबसे लोगों ने आपत्ति उठाई है तो पुलिस ने सामूहिक नमाज को मना किया है तब से सब अपने अपने घर नमाज पढ़ रहे हैं. इस सबके बावजूद गांव में किसी तरह का तनाव या कोई आपसी मनमुटाव नहीं है. माहौल एकदम सही है कोई बात नहीं है. 


26 लोगों के खिलाफ केस दर्ज


पुलिस के मुताबिक गांव में पहले से ही सामूहिक रूप से नमाज पढ़ने को लेकर ग्रामीणों द्वारा एतराज उठाया जा चुका है. कई बार आपसी सहमति से विवाद को निपटाने की कोशिश भी की गई लेकिन बार-बार सामूहिक नमाज पढ़ने की कोशिश की जाती रही. अब मामला बढ़ा और पुलिस के सामने पहुंचा जिसके बाद पुलिस ने संज्ञान लेते हुए 16 नामजद और 10 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है. पुलिस के मुताबिक 24 अगस्त को बड़ी संख्या में लोग एकत्र हुए कोई मस्जिद नहीं है. ये लोग वाहिद और मुस्तकीम के घर में एकत्र हुए थे. सूचना पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है, वाहिद व मुस्तकीम दोनों फरार हैं. 


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