Muzaffarnagar News: उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जनपद (Muzaffarnagar) में स्थित न्यायालय 9) ने 10 साल पुराने एक रेलवे एक्ट के एक मामले में यूपी के स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल समेत बीजेपी के 8 नेताओं को बरी कर दिया. कोर्ट ने सबूतों के अभाव में सभी को बरी कर दिया. अदालत ने मंगलवार दोपहर को ये फैसला सुनाया. 


10 साल पुराने मामले कपिल देव अग्रवाल बरी


दरअसल, ये मामला साल 2012 का है जब बीजेपी नेता कपिल देव अग्रवाल समेत 12 लोगों पर धारा 147,156 रेलवे एक्ट में मुकदमा दर्ज हुआ था. जिसमें से 4 लोगों ने उस समय अपना जुर्माना स्वीकार कर लिया था. जिसके बाद मुजफ्फरनगर जनपद की सिविल जज सीनियर डिवीजन एफटीसी कोर्ट ने मंगलवार को इस मामले में बीजेपी मंत्री कपिल देव अग्रवाल, बीजेपी पूर्व विधायक उमेश मलिक, पूर्व विधायक अशोक कंसल, जिला अध्यक्ष विजय शुक्ला, बीजेपी नेता वैभव त्यागी सुनील तायल और यशपाल पंवार को सबूतों के अभाव में बाइज्जत बरी कर दिया है.

इस मामले की अधिक जानकारी देते हुए बरी हुए बीजेपी नेताओं के अधिवक्ता शिवराज त्यागी ने बताया कि इसमें 147,156 आईपीसी रेलवे एक्ट का मुकदमा था इसमें कुल 12 लोगों को आरोपी बनाया गया था. चार ने जुर्माने को स्वीकार कर लिया था, उसमें बच्चे थे. बाकी आठ लोगों को जिनमें कपिल देव अग्रवाल, उमेश मलिक, अशोक कंसल, विजय शुक्ला, वैभव त्यागी, सुनील तायल और यशपाल पंवार को माननीय न्यायालय ने सभी को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है.


उन्होंने कहा कि सिविल जज सीनियर डिवीजन एफटीसी कोर्ट में यह मामला चल रहा था. मयंक जयसवाल जी इसके जज थे. मामला तो यह पुराना है लेकिन चार-पांच महीने में यह तय हो गया है. इस मुकदमे में सात गवाह हुए हैं. हमारी तरफ से मामले में बहुत प्रभावशाली पैरवी की गई थी जबकि दूसरा पक्ष अपनी पैरवी ठीक से नहीं कर पाया. 


ये भी पढ़ें- Mainpuri By-Election: शिवपाल के सवाल पर राम गोपाल यादव को याद आयी पुरानी टीस, भाई को बताया इस हार का जिम्मेदार