Muzaffarnagar News: कवाल कांड में बीजेपी विधायक विक्रम सैनी समेत 12 दोषी करार, थोड़ी देर बाद ही मिली जमानत
Muzaffarnagar News: मुजफ्फरनगर कवाल दंगे में अदालत ने बीजेपी विधायक विक्रम सैनी समेत 12 लोगों को दोषी करार दिया और दो-दो साल की सजा सुनाई. हालांकि थोड़ी देर बाद ही उन्हें जमानत मिल गई.
Muzaffarnagar News: उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) में साल 2013 में हुए कवाल कांड (Kawal Case) मामले में बीजेपी विधायक विक्रम सैनी (BJP MLA Vikram Saini) समेत 12 लोगों को दोषी करार दिया. मुजफ्फरनगर एमपी एमएलए कोर्ट (MP/MLA Court) ने सभी दोषियों को 2-2 साल की सजा और दस-दस हजार रुपये का आर्थिक दंड लगाया. हालांकि सजा देने के कुछ समय बाद ही सभी 12 दोषियों को जमानत भी दे दी गई.
कवाल कांड में बीजेपी विधायक दोषी करार
दरअसल, 27 अगस्त 2013 को मुजफ्फरनगर जनपद के कवाल गांव में गौरव और सचिन की हत्या के बाद पुलिस ने खतौली विधान सभा सीट से बीजेपी विधायक विक्रम सैनी सहित 28 लोगों पर धारा 147 ,148 ,149 ,307 ,336 ,353 ,504 और 506 में मुकदमा दर्ज किया था. जानकारी के मुताबिक विधायक विक्रम सैनी सहित इन सभी 28 में से 12 लोगों को कोर्ट ने दो-दो साल की सजा सुनाते हुए 10-10 हज़ार रुपये का आर्थिक दंड लगाया. जबकि 15 लोग इस मामले में सबूतों के अभाव में बरी हो गए थे. इनमें से एक की मृत्यु भी हो गई है.
विक्रम सैनी के वकील ने कही ये बात
इस मामले की जानकारी देते हुए विधायक विक्रम सैनी के वकील भरतवीर सिंह अहलावत ने बताया कि उस समय विधायक जी को पुलिस द्वारा कहा गया था कि वो मुस्लिमों के विरोध में लोगों को भड़का रहे हैं. उस समय सात-आठ लोग तो पुलिस ने पकड़ लिए थे और बाकी के लोग छूटकर भाग गए थे. जो भाग गए थे वह सब तो बरी हो गए है. आज सारे दोषमुक्त कर दिए गए और जो मौके पर पकड़े गए थे उन सभी को दोषी करार दिया गया है. उन्होंने कहा कि बीजेपी विधायक विक्रम सैनी समेत 12 लोगों को दोषी करार दिया गया है. अदालत ने विधायक समेत सभी 12 को जमानत दे दी है क्योंकि प्रावधान है अगर 3 साल से अधिक की सजा हो तो जमानत नहीं मिलती. 2 साल की सजा थी तो कोर्ट ने जमानत दे दी.
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हाईकोर्ट में अपील करेंगे विक्रम सैनी
विधायक विक्रम सैनी ने इस मामले के बारे में मीडिया से बात करते हुए कहा कि ये कवाल दंगे का मामला था. कवाल दंगे में पुलिस ने हमारे पास बलकटी दिखाई थी. उसमें 2 साल की सजा और दस हजार रुपये का जुर्माना हुआ है. हम न्यायपालिका का सम्मान करते हैं. इसमें अपील करने के लिए हम हाईकोर्ट जाएंगे. हमें उम्मीद है कि वहां से न्याय जरूर मिलेगा. ये सब सपा सरकार की देन है. उन्होंने ही से सब मुकदमे लगाए थे. बलकटी से गोली चलाना दिखाया गया था, क्या बलकटी से गोली चलती है. पुलिस ने रस्सी का सांप बनाया, काले चिट्ठे में लिखा वह सब कुछ उस समय की पुलिस का उस समय की सरकार की देन है.
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