Muzaffarnagar News: उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) जनपद में स्थित गोयला गांव में मंगलवार को भारतीय किसान यूनियन (BKU) ने पहली महिला चौपाल का आयोजन किया, जिसे किसान मजदूर महिला चौपाल का नाम दिया गया. इस चौपाल में आसपास के गांव से बढ़-चढ़कर महिलाओं ने हिस्सा लिया. चौपाल में यूनियन की निशानी के तौर पर महिलाओं को हरी चुन्नी का वितरण भी किया गया. इस चौपाल में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) भी मौजूद रहे. चौपाल की कमान उनकी पत्नी सुनीता बालियान (Sunita Balyan) बीकेयू महिला मोर्चा की जिला अध्यक्ष सोनिया सैनी के हाथों में रही.
पहली बार लगी महिलाओं की पंचायत
इस किसान मजदूर महिला चौपाल का आयोजन महिलाओं को जागरूक करने उनकी समस्याओं के बारे में बात करने और भारत सरकार द्वारा जो महिलाओं के लिए जो पॉलिसी जारी की गई है उसके बारे में उन्हें जानकारी देने के लिए किया गया था. बताया जा रहा है कि आगामी 17 नवंबर को सिसौली गांव में होने वाली भारतीय किसान यूनियन की मासिक पंचायत में इस बार महिलाएं भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लेंगी.
इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए राकेश टिकैत ने बताया कि इस पंचायत का उद्देश्य महिलाओं को जागरूक करना, उनकी समस्याओं पर बातचीत करना, भारत सरकार की पॉलिसी जानकारी देना और उन्हें जागरुक करना था. जो भूमिहीन महिला किसान हैं, पशुपालन कर अपना गुजारा चलाती हैं उनकी क्या समस्याएं हैं, राशन, विधवा पेंशन पर परेशानी को लेकर बातचीत करें. टिकैत ने कहा कि आंदोलन तो यही करेंगे कि महिला आंदोलन की हिस्सेदार रहेंगे जब आंदोलन की जरूरत पड़ेगी तो महिलाओं की बड़ी भागीदारी आंदोलन में रहेगी. महिलाएं बढ़ चढ़कर हिस्सा लेंगी. महिलाओं की एक बड़ी पंचायत सिसौली में होगी. हम सब इनका साथ देंगे.
राकेश टिकैत की पत्नी सुनीता बालियान ने क्या कहा?
वहीं राकेश टिकैत की पत्नी सुनीता बालियान ने कहा की महिलाओं पर जो अत्याचार हो रहा है उन्हें दूर किया जाएगा और हम लोग तो पहले से ही क्रांतिकारी हैं आंदोलन में अब महिलाएं पुरुषों से भी ज्यादा बढ़ चढ़कर हिस्सा लेंगी.
बीकेयू महिला मोर्चा की जिला अध्यक्ष सोनिया सैनी ने कहा इसका उद्देश्य महिलाओं को जागरूक करना और उन्हें संगठन से जोड़ना आज जो अत्याचार महिलाओं के साथ हो रहा है उसमें हम लोग पुरजोर आवाज उठाएंगे और इनको न्याय दिलाएंगे. नशा मुक्ति के लिए अभियान चलाएंगे. चौपाल के द्वारा हर गांव में जाकर महिलाओं की समस्या सुनेंगे और अपने संगठन के अधिकारियों के सामने उन्हें रखकर समाधान कराएंगे. महिलाओं को घर घर जाकर समझाएंगे कि जैसे आंदोलन में पुरुष हिस्सा लेते हैं उसी तरह महिलाएं भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लें. 17 तारीख को सिसौली में जो पंचायत होगी वो उसमें देखने को मिलेगा जैसे पुरुष पंचाय में पहुंचते हैं उसी तरह महिलाएं भी पहुंचेगीं.
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