इस बारे में जानकारी देते हुए बेसिक शिक्षा अधिकारी ने कहा कि प्रधानाध्यापक को प्रथम दृष्टया दोषी मानते हुए निलंबित किया गया है. जो शिक्षामित्र थे उनके बयानों में गड़बड़ी थी इसलिए उनका वेतन रोका गया है र भोजन माताओं को उनके काम से हटा दिया गया है. उन्होंने बताया कि इस मामले में जांच के लिए एक 3 सदस्यीय जांच कमेटी बनाई गई है. जिसमें दो शिक्षा खंड अधिकारी एक जिला समन्वयक हैं. भविष्य में इस तरह की कोई घटना न घटे इसके लिए 2 पत्र निकाले हैं एक खंड शिक्षा के लिए और दूसरा लेटर प्रिंसिलपल के लिए है.
बेसिक शिक्षा अधिकारी ने दिए ये निर्देश
बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बताया कि खंड शिक्षा अधिकारी सभी स्कूलों में रोजाना मिड डे मील का निरीक्षण करेंगे और उसको खाकर चेक करेंगे, इसका एक फोटो हमारे ग्रुप पर डालेंगे. ऐसा ही स्कूल के प्रिंसिपल को भी करना है खाना खा कर उसका फोटो ग्रुप में डालना है ताकि आगे भविष्य में ऐसा न हो. बच्चों के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंनो कहा कि कुल 30 बच्चों को एडमिट कराया गया था जिसमें 18 बच्चे स्वस्थ होकर घर जा चुके हैं और 12 में 11 बच्चों को मॉनिटरिंग के लिए रखा गया है वो एकदम ठीक है, जबकि एक बच्चे को बुखार है. उसे एक-दो उल्टी भी आई है. ये सभी बच्चे क्लास 1 से 8 तक के हैं. इनकी उम्र 5 साल से 13 साल तक है.
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