Muzaffarnagar News: उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) में मंगलवार को योगी के मंत्री कपिल देव अग्रवाल (Kapil Dev Aggarwal) और विधायक समेत कई लोग एमपी एमएलए कोर्ट (MP/MLA Court) में पेश हुए. इन सभी ने धारा 144 के उल्लंघन के सेक्शन 188 में सरेंडर कर अपनी अपनी बेल अर्जी लगाई थी, कोर्ट ने इन सबकी बेल को मंजूरी कर इन्हें जमानत दे दी है. ये मामला साल 2013 में हुए मुजफ्फरनगर दंगों (Muzaffarnagar Riots) से पहले 13 अगस्त का है जहां नगला मंदौड़ में एक पंचायत का आयोजन किया गया था. जिसके चलते जिला प्रशासन ने जनपद में धारा 144 लगाई थी.
मुजफ्फरनगर दंगों के आरोपी मंत्री कपिल देव को जमानत
उस समय इस पंचायत में यूपी के स्वतंत्र प्रभार राज्य मंत्री कपिल देव अग्रवाल जनपद की खतौली विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक विक्रम सैनी हिंदूवादी नेत्री साध्वी प्राची, सपा नेता हरेंद्र मलिक पूर्व एमपी सोनवीर सिंह पूर्व बीजेपी विधायक अशोक कंसल और यशपाल पवार सहित कई लोगों ने धारा 144 का उल्लंघन करते हुए इस पंचायत में हिस्सा लिया था. इसके बाद पुलिस प्रशासन द्वारा इस मामले में धारा 144 के सेक्शन 188 में इन सबके सहित कुल 25 लोगों को नामजद किया था. इस मामले में अदालत में पेश न होने की वजह से इन सभी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किए गए थे. जिसके बाद मंगलवार को इन्होंने कोर्ट में सरेंडर करते हुए बेल अर्जी लगाई, जिसे अदालत ने मंजूर कर लिया.
साल 2013 में मुजफ्फरनगर में हुए दंगों का मामला
इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए सरकारी अधिवक्ता राजीव शर्मा ने बताया की वर्ष 2013 में एक पंचायत नगला मंदौड़ में आयोजित की गई थी. जिसमें जिला प्रशासन ने धारा 144 लागू की थी, इस संबंध में माननीय मंत्री कपिल देव अग्रवाल, पूर्व बीजेपी विधायक अशोक कंसल, यशपाल पवार, पूर्व एमपी सोनवीर सिंह, सपा नेता हरेंद्र मलिक, हिंदूवादी नेत्री साध्वी प्राची, ये सब लोग आज कोर्ट में पेश हुए थे इन्होंने कोर्ट में पहले सरेंडर एप्लीकेशन डाला उसके बाद बेल पर सुनवाई हुई. शासन की ओर से लोक अभियोजन ने अपना पक्ष रखा, दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं को सुनने के बाद अदालत ने इनकी बेल को मंजूर कर लिया. इस मामले में 25 लोगों को नामजद किया गया था जिसमें 10 या 12 लोगों की बेल हो चुकी है अभी बाकी लोग बचे हुए हैं उनकी बेल होनी है.
पीएफआई को लेकर कही ये बात
इस दौरान बीजेपी विधायक विक्रम सैनी ने कहा कि मुजफ्फरनगर के कवाल में 2013 में जो दंगे हुए थे उनकी तारीख थी. पुलिस ने उस दौरान फर्जी मुकदमे लगा दिए थे. इस मामले में जल्दी फैसला आने की उम्मीद है. वहीं विक्रम सैनी पीएफआई पर जमकर बरसे. उन्होंने कहा कि पीएफआई लोगों के हाथों में पत्थर देता है और पत्थर मरवाता है. ये कत्ल करने की ट्रेनिंग देते हैं और ये कोई सामाजिक संगठन नहीं है. ये तो देशद्रोही संगठन हैं यह सब देश के गद्दार हैं.
जो देश के लिए गलत काम करेगा देशद्रोह करेगा वे लोग पकड़े जाएंगे उनका सब का पर्दाफाश हो रहा है बहुत बड़ा षड्यंत्र है जो सरकार के संज्ञान में आया है उसी संबंध में छापेमारी हो रही है यह सब चाहे मुजफ्फरनगर में हो या देश के किसी भी कोने में पकड़े जाएंगे पीएफआई लोगों के हाथ में पत्थर देता है और पत्थर मरवाता है यह कत्ल करने की ट्रेनिंग देते हैं यह सामाजिक संगठन नहीं है यह देशद्रोही संगठन है यह सब गद्दार है।
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साध्वी प्राची ने पीएफआई को बताया आतंकी संगठन
इस मौके पर हिंदूवादी नेत्री साध्वी प्राची ने भी पीएफआई को आतंकवादी संगठन बताते हुए कहा है कि जो कार्रवाई पीएफआई पर हो रही है वो जरूरी है वो देश हित और राष्ट्रीय हित के लिए हैं और चाहे मदरसा हो या वक्फ बोर्ड जांच जो हो रही है वह योगी जी करवा रहे हैं जो कि उत्तर प्रदेश और राष्ट्र के हित में हैं. उन्होंने कहा कि पीएफआई एक आतंकवादी संगठन है उस पर सरकार कार्रवाई कर रही है और कड़ी से कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए. पीएफआई एक आतंकवादी संगठन है जो कार्रवाई हो रही है वे जरूरी है देशहित में राष्ट्रहित में कार्रवाई होनी चाहिए.
साध्वी प्राची ने कहा कि पहले किसी ने कोई कार्रवाई नहीं की है, अब बराबर कार्रवाई हो रही है, चिंता मत कीजिए कितने मगरमच्छ बाहर निकलते हैं हमारे देश का जो प्रधानमंत्री है वो बब्बर शेर है सबको रास्ता दिखा देगा.
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