Ghaziabad News: गाजियाबाद में आरएसएस (RSS) के बाल पथ संचलन के दौरान पिटाई के मामले पर सियासत तेज हो गई है. लोनी (loni) से बीजेपी विधायक नंद किशोर गुर्जर (Nand Kishor Gurjar) ने इस मामले को लेकर पुलिस प्रशासन और कमिश्नर अजय मिश्रा पर गंभीर आरोप लगाए हैं. बीजेपी विधायक ने कहा कि आखिर संघ पदाधिकारियों और बीजेपी नेताओं के खिलाफ शिकायत क्यों दर्ज की गई है. उन्होंने कहा कि वो इस मामले की सीएम योगी आदित्यनाथ से शिकायत करेंगे.


दरअसल, पिछले दिनों आरएसएस के बाल पथ संचलन के दौरान पिटाई का मामला सामने आया था. जहां इस कार्यक्रम के दौरान आरएलडी के मेयर पद के दावेदार के रिश्तेदार और उसके बेटे ने स्कूटी निकालने को लेकर मार पिटाई की थी. इस घटना का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, इस विवाद के बाद दोनों पक्ष पुलिस थाने पहुंचे थे. पहले आरएसएस वालों की तरफ से मुकदमा दर्ज हुआ, जिसके बाद लोकदल से मेयर पद के दावेदार अरविंद तेवतिया और उनके बेटे को हिरासत में ले लिया. इसके बाद रालोद नेताओं ने भी पुलिस पर एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगाया और कविनगर थाने में बैठक गए. इसके बाद पुलिस ने बीजेपी के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष मयंक गोयल आरएसएस के पदाधिकारी अन्य कार्यकर्ताओं के खिलाफ भी मुकदमा पंजीकृत कर लिया. 


पुलिस कमिश्नर पर गंभीर आरोप


बीजेपी विधायक नंदकिशोर किशोर गुर्जर ने पुलिस की इस कार्रवाई को कायरता पूर्ण कार्रवाई बताया. उन्होंने कहा कि गाजियाबाद में पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम लागू होने के बाद अधिकारियों ने सोचा कि गरीब जनता को दबा लेंगे. नंदकिशोर गुर्जर ने गाजियाबाद पुलिस कमिश्नर अजय मिश्रा पर आरोप लगाते हुए कहा कि आखिर संघ पदाधिकारियों और बीजेपी के नेताओं पर एफआईआर क्यों की गई. क्षेत्रीय उपाध्यक्ष महेंद्र गोयल बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के प्रोग्राम में थे, क्या थाने जाने पर बीजेपी के नेताओ पर एफआईआर लगा दी जाती है, क्षेत्रीय विधायक व महानगर अध्यक्ष पहुंचे तब जाकर तो पुलिस ने शिकायत ली नहीं तो पुलिस ने तहरीर तक नहीं ली.


सीएम योगी से शिकायत करेंगे बीजेपी विधायक
बीजेपी विधायक ने कहा कि आरएसएस के लोगों को पीटा गया और इसके बाद पुलिस क्रॉस एफआईआर कर रही है. उन्होंने कहा कि वो पुलिस की इस तानाशाही की शिकायत सीएम योगी आदित्यनाथ से करेंगे. उन्होंने कहा कि सपा-बसा मानसिकता के कुछ अधिकारी अभी भी एजेंट के तौर पर काम कर रहे हैं. गाजियाबाद में लूटने के लिए अधिकारी पहुंचते हैं. कमिश्नरी प्रणाली इसलिए नहीं लगाई गई थी कि जनता की सुनवाई ना हो. अधिकारी तानाशाही कर रहे हैं. आरएसएस द्वारा शांति पूर्वक पथ संचालन किया जा रहा था लेकिन पुलिस का रवैया सही नहीं रहा है. 

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