Gorakhpur: गोरखपुर के राप्‍ती नदी के राजघाट तट पर सोमवार को 11 वीं वाहिनी एनडीआरएफ, जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण गोरखपुर के संयुक्त तत्वाधान में पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारम्‍भ किया गया. गोरखपुर विश्वविद्यालय के रक्षा अध्ययन के छात्र-छात्राओं, आपदा मित्र और आपदा सखियों ने पहले दिन जाना कि वे आपदा के समय कैसे हौसला रखकर खुद की और दूसरों की जान बचा सकती हैं. खासकर बरसात के मौसम में बाढ़ग्रस्‍त क्षेत्रों में किस तरह से उन्‍हें कार्य करना होगा.

प्रशिक्षण कार्यक्रम का हुआ शुभारंभ

गोरखपुर के राप्‍ती नदी के राजघाट तट पर प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारम्‍भ उत्‍तर प्रदेश राज्‍य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण लखनऊ के उपाध्‍यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्‍त) रविन्‍द्र प्रताप शाही ने बतौर मुख्‍य अतिथि किया. इस दौरान अपने संबोधन में उन्‍होंने कहा कि गोरखपुर आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में प्रदेश में अग्रणी भूमिका निभाता है. यहां किए जा रहे नवाचार कार्य सराहनीय हैं. उन्होंने कहा कि  मुख्यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने निर्देशित किया है कि प्रदेश के हर नागरिक को विभिन्न आपदाओं के दौरान क्या करें क्या ना करें.

इस संबंध में लोगों को जागरूक किया जाए. जिससे जनहानि को रोका जा सके और जन समुदाय सुरक्षित रहे. उन्होंने आपदा मित्रों की प्रशंसा करते हुए कहा कि जनपद गोरखपुर में आपदा मित्र परियोजना की शुरुआत की गई थी और अब प्रदेश में 10,200 आपदा मित्र तैयार किए जा रहे हैं. जनपद बहराइच और लखीमपुर के आपदा मित्रों का प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रारंभ हो चुका है, जो कि एसडीआरएफ के नेतृत्व में किया जा रहा है.

56 प्रतिभागियों ने लिया हिस्सा

प्रशिक्षण कार्यक्रम में कुल 56 प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया, जिसमें से 12 छात्राएं और आपदा सखियों ने हिस्‍सा लिया. प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य ग्राम स्तर पर कार्य कर रहे स्वयंसेवकों को बाढ़ के दौरान किस प्रकार वे सुरक्षित रहेंगे और जन समुदाय को सुरक्षित करने का प्रयोगात्मक विधि के माध्यम से प्रशिक्षण दिया गया. गोरखपुर विश्वविद्यालय के रक्षा अध्ययन विभाग के अंतर्गत आपदा प्रबंधन विषय पर एक वर्षीय पीजी डिप्लोमा कोर्स कराया जाता है. विश्वविद्यालय द्वारा संचालित डिप्लोमा कोर्स के विद्यार्थी आज राष्ट्रीय, प्रदेश और विभिन्न जनपदों में प्रशासनिक स्तर पर स्वैच्छिक संगठनों के माध्यम से अपना योगदान दे रहे हैं.

ग्राम आपदा न्यूनीकरण योजना का होगा निर्माण

जनपद स्तर पर आपदा प्राधिकरण की ओर से ‘ग्राम आपदा न्यूनीकरण योजना’ निर्माण कार्य कराया जा रहा है. इसमें प्रशिक्षित विद्यार्थी मास्टर प्रशिक्षक के रूप में अपना योगदान दे रहे हैं. ग्राम स्तर पर कराए जा रहे कार्य के दौरान ग्रामीणों को बाढ़ के दौरान घरेलू संसाधनों से किस प्रकार जीवन रक्षा की जा सकती है, इसके संबंध में जागरूक किए जाने का कार्य किया जा रहा है. पांच दिवसीय कार्यक्रम के दौरान ग्राम आपदा न्यूनीकरण योजना निर्माण, विभिन्न आपदाओं के दौरान क्या करें, क्या न करें, राज्य आपदा मोचक निधि गाइडलाइन में देय सहायता आदि अन्य महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विस्तृत रूप से प्रशिक्षण कार्य संपादित किया जाएगा.

 अपर जिलाधिकारी वित्‍त एवं राजस्‍व प्रभारी अधिकारी आपदा गोरखपुर राजेश कुमार सिंह ने एनडीआरएफ और विश्वविद्यालय को धन्यवाद देते हुए कहा कि युवाओं को प्रशिक्षित और आपदा न्यूनीकरण हेतु तैयार करने के लिए प्राधिकरण कटिबद्ध है. इस प्रकार के कार्यक्रम आगे भी संचालित किए जाएंगे.

डिप्टी कमांडेंट एनडीआरएफ पीएल शर्मा ने प्रतिभाग कर रहे प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि जिस प्रकार से आप सभी ने प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रतिभाग किया है. वह एनडीआरएफ को प्रेरित करता है कि अधिक से अधिक लोगों को प्रशिक्षित किया जाए और उन्होंने सभी को आश्वस्त किया कि कभी किसी भी प्रकार के प्रशिक्षण की आवश्यकता हो तो आप प्राधिकरण के माध्यम से संपर्क स्थापित कर सकते हैं.

प्रशिक्षण कार्यक्रम का संचालन इंस्पेक्टर डीपी चंद्रा एनडीआरएफ और गौतम गुप्ता जिला आपदा विशेषज्ञ द्वारा किया गया. जितेंद्र कुमार, असिस्टेंट प्रोफेसर रक्षा अध्ययन विभाग ने जिला प्रशासन और 11 वीं वाहिनी एनडीआरएफ को धन्यवाद ज्ञापित किया. प्रशिक्षण कार्यक्रम को सफल बनाने में प्राधिकरण के शिव कुमार मौर्य आपदा लिपिक, मनोज जायसवाल, मनदीप श्रीवास्तव और अश्वनी वर्मा और एनडीआरएफ की संपूर्ण टीम का सराहनीय योगदान रहा.


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