Gonda News: यूपी के गोंडा जिला चिकित्सालय (Gonda District Hospital) में डॉक्टरों की भारी लापरवाही देखने को मिल रही है. इस अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड (Emergency Ward) में रात को तैनात डॉक्टर (Doctors) अक्सर ड्यूटी के समय सोते रहते हैं और वहां पर बी फार्मा की ट्रेनिंग करने के लिए आए लड़के इमरजेंसी वार्ड की जिम्मेदारी संभालते हैं. ये स्टूडेंट ही यहां रात को इमरजेंसी में आए हुए मरीजों को अपने अनुभव के आधार पर दवाएं देते हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर सरकार से मोटी तनख्वाह पाने वाले डॉक्टरों की इस लापरवाही से किसी मरीज को नुकसान हो गया तो इसका जिम्मेदार कौन होगा. 


ड्यूटी के समय सोते रहते हैं डॉक्टर


यूपी के डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक अस्पतालों की हालत लगातार ठीक करने में जुटे हैं. वो अस्पतालों का औचक निरीक्षण कर रहे हैं ताकि व्यवस्था डर से ही सही लेकिन ठीक हो सके. लेकिन अक्सर विवादो में रहने वाला गोंडा जिला अस्पताल जो अपने उच्च अधिकारियों और डिप्टी सीएम के आदेश का पालन करना सही नहीं समझते. तभी तो इस तरह की गंभीर लापरवाहियां यहां पर बरती जा रही है. इस जिला अस्पताल का एक वीडियो भी सामने आया है जिसमें देखा जा सकता है कि मेडिकल अफसर की कुर्सी खाली पड़ी है और बी फॉर्मा की ट्रेनिंग ले रहे स्टूडेंट मरीजों का इलाज कर रहे हैं. 


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डीएम ने जांच के लिए बनाई टीम


वहीं इस पूरे मामले पर जिला अधिकारी डॉ उज्जवल कुमार ने कहा कि ऐसी शिकायतें हमको दो-तीन दिन से मिल रही थी इसके लिए टीम का गठन कर दिया गया है. जो इमरजेंसी के साथ जिला अस्पताल की ओपीडी और स्वास्थ्य अवस्थाओं की जांच करेंगे और निगरानी करेंगे. साथ ही जिला अस्पताल के सीएमएस को भी निर्देशित किया गया है कि वो ओपीडी और इमरजेंसी की निगरानी करते रहे और शासन से जो भी निर्देश है उसका पालन करें. उन्होंने कहा कि वो खुद भी अब इसकी निगरानी करते रहेंगे ताकि मरीजों का ठीक से इलाज होता रहे. 


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