Ayodhya News: यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक नयी परिकल्पना अयोध्या बसाने की है. यही परिकल्पना अब जमीन पर उतरने जा रही है. एक ऐसी अयोध्या का निर्माण होने जा रहा है जिसका खाका तो बैदिक पद्धति से खींचा जाएगा लेकिन उसे देखने वाले को अयोध्या का अलग ही स्वरुप नजर आएगा. जिसमें शॉपिंग मॉल, लग्जरी होटल, स्कूल ,धर्मशाला, चौड़ी साफ़-सुथरी सड़के और सुन्दर पार्क होंगे तो वहीं पूजा पाठ के लिए मंदिर के साथ सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रमों के लिए ऑडिटोरियम भी होगा. यानी एक नई अयोध्या जो आधुनिक होगी.
नए अयोध्या में ये सब समाहित किया जाएगा
टाउन प्लानर गोर्की कौशिक ने बताया कि नई अयोध्या धार्मिक भी होगा, आधुनिक भी होगा और सारी सुविधाएं भी होंगी. साथ ही इतिहास भी संजोकर रखा जाएगा और नई टेक्नोलॉजी को इस्तेमाल करके शहर को आगे बढ़ाएंगे. राम मंदिर बनने के साथ चौतरफा विकास का इस तरह खाका खींचा जा रहा है कि अयोध्या को धार्मिक राजधानी के रूप में विकसित किया जा सके. इसी के तहत अयोध्या में वैदिक स्वरूप में नई अयोध्या का निर्माण किया जा रहा है. लोकसभा चुनाव के पहले अस्तित्व में आने वाली नव्य अयोध्या परियोजना को चरणबद्ध ढंग से विकसित किया जाएगा.
इतने एकड़ जमीन में बनकर होगा तैयार
पहले चरण के लिए बाईपास के किनारे शहनवाजपुर माझा बरहटा क्षेत्र की 236 एकड़ और दूसरे चरण के लिए तिहुरा मांझा क्षेत्र की 247 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया जा चुका है. दूसरे चरण के लिए अभी 63 एकड़ जमीन का अधिग्रहण और रजिस्ट्री होना अभी बाकी है. इस तरह चरणबद्ध ढंग से 1194.32 एकड़ जमीन का अधिग्रहण नए अयोध्या के लिए किया जाना है. वर्तमान अयोध्या और नए अयोध्या के बीच इस तरह समन्वय स्थापित किया जाएगा कि मौजूदा अयोध्या आध्यात्मिक नगरी के रूप में विकसित होगी तो नई अयोध्या आधुनिक और युवाओं को आकर्षित करने वाला होगा.
सरयू के किनारे बसाए जा रहे इस नए अयोध्या से रेलवे स्टेशन बस स्टेशन और एयरपोर्ट की दूरी 3 किलोमीटर के भीतर होगी. इसीलिए अबतक महाराष्ट्र समेत कई प्रदेशो से नए अयोध्या में जमीन उपलब्ध कराने के लिए यूपी सरकार को प्रस्ताव मिल चुके हैं. वहीं अयोध्या सांसद लल्लू सिंह ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में अयोध्या का आध्यात्मिक नगरी के रूप में विकास किया जा रहा है. अयोध्या के आसपास जितने पौराणिक स्थल हैं, ऋषि मुनियों की जन्मस्थली है उनको भी विकसित करने का कार्य 84 कोसी परिक्रमा के साथ कार्य सरकार और प्रदेश सरकार मिलकर कर रही है. वहीं अयोध्या को एक नई स्वरूप देने का कार्य भी सरकार ने सोच लिया है.
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