यूपी में गाड़ी मालिकों की बढ़ेगी टेंशन! सभी जिलों में Fastag से जुड़ेगी ये नई व्यवस्था, रद्द हो जाएगा लाइसेंस?
उत्तर प्रदेश में Fastag से एक नई व्यवस्था जुड़ेगी. इसको लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ ने एक समीक्षा बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए.
UP News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित अपने आवास पर उत्तर प्रदेश राज्य सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक की अध्यक्षता की . इस दौरान सीएम ने सड़क सुरक्षा माह सभी 75 जनपदों में संचालन के निर्देश दिए. इस दौरान सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिन गाड़ियों का बार बार चालान हुआ हो, उन पर एक्शन लिया जाए. सीएम ने यह भी कहा कि इस व्यवस्था को Fastag से भी जोड़ा जाए. इसके अलावा सीएम ने ओवरलोडिंग को लेकर भी सख्त निर्देश दिए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी वाहन का बार-बार चालान होने पर लाइसेंस/परमिट निरस्तीकरण आदि की कार्रवाई की जानी चाहिए. इस कार्रवाई को अनिवार्य रूप से Fastag से जोड़ा जाए. सीएम के इस आदेश के बाद उन लोगों के लिए मुसीबत बढ़ सकती है जिनकी गाड़ियों का चालान बार बार होता है.
समीक्षा बैठक में सीएम ने यह भी कहा कि सूचना, परिवहन व सड़क सुरक्षा से जुड़े विभागों द्वारा लोगों से ट्रैफिक नियमों के पालन की अपील करने वाली होर्डिंग लगाई जाएं. इसे सभी 75 जनपदों, 350 तहसीलों, 1500 थानों व सभी नगर निकायों के बाहर भी लगाया जाए.
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ओवरलोडिंग पर क्या बोले सीएम?
मुख्यमंत्री ने कहा कि राहगीरों/आमजन को जागरूक किया जाए कि दुर्घटना को देखकर भागें नहीं, बल्कि घायलों को गोल्डेन ऑवर के अंदर समीप के हॉस्पिटल या ट्रॉमा सेंटर में पहुंचाएं. एम्बुलेंस का रिस्पॉन्स टाइम न्यूनतम करें. ओवरलोडिंग का जिक्र करते हुए सीएम ने कहा कि ओवरलोडिंग कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी, इसे स्टार्टिंग प्वॉइंट पर ही रोका जाए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि हेलमेट, सीट बेल्ट तथा सड़क सुरक्षा के अन्य मानकों को अपनाने के लिए जागरूकता कार्यक्रम चलाकर लोगों को प्रेरित किया जाए. सीएन ने अधिकारियों से यह भी कहा कि सड़क सुरक्षा माह सिर्फ लखनऊ तक सीमित न रहे, बल्कि इसे प्रदेश के सभी 75 जनपदों में सुचारु रूप से सम्पन्न कराया जाए.
सीएम ने कहा कि जनपदीय सड़क सुरक्षा समितियां जिलाधिकारी की अध्यक्षता में 5 जनवरी 2025 तक हर हाल में बैठक सम्पन्न कर लें.6 से 10 जनवरी 2025 तक सभी स्कूलों-कॉलेजों में सड़क सुरक्षा नियमों से संबंधित जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएं. महाकुम्भ में बेहतर यातायात व्यवस्था के लिए PRD व होमगार्डों की संख्या बढ़ाई जाए.