Hamirpur Farmers: हमीरपुर जिले (Hamirpur) में इस साल अभी तक मानसून की बारिश (Monsoon Rain) नहीं होने से खरीफ की फसल (Kharif Crop) की बुआई नहीं हो पा रही है. जिससे क्षेत्र के किसानों के सामने (Farmer Problem) संकट पैदा हो गया है. खरीफ की फसल जिसमें की उरद, तिल, धान, मूंग, अरहर और ज्वार आदि की फसलें आती हैं इनकी बुआई का समय चल रहा है. लेकिन क्षेत्र में बारिश के नाम पर जरा सी बूंदाबांदी ही हो पाई है. जिसकी वजह फसलों की रोपाई नहीं हो पा रही है. किसानों की परेशानियां बढ़ने लगी है और उनके सामने भुखमरी का संकट खड़ा हो रहा है. 


बारिश न होने से सूखे पड़े हैं खेत
बारिश की आस में आसमान की ओर ताकते किसान दुर्गा ने कहा कि बरसात नहीं होने की वजह से खेत सूखे और खाली पड़े हुए हैं. जबकि पिछले सालों में इन्हीं खेतों में बखराई और बुआई होती रहती थी. जिससे खेतो में रौनक रहती थी. लेकिन इस साल मानसून के पिछड़ जाने से किसानों के सामने खरीफ की फसल पैदा ना होने के चलते मुसीबत खड़ी हो गई है. 


खरीफ फसल की बुआई पर असर
बुन्देलखंड इलाके में सिर्फ दो फसलें ही पैदा होती है जिनमें खरीफ और रबी की फसल होती है. बरसात की शुरुआत में खरीफ की फसल बोई जाती है जिसमें तीली, ज्वार, मूंग, उरद, अरहर और धान की फसल बोई और पैदा की जाती है. जब खरीफ की फसल पक कर कट जाती है तब किसान अपने खेतों में रबी की फसल बोते है जिसमे गेंहू, चना, मटर, सरसों, अलसी आदि की पैदावार की जाती है. लेकिन इस साल तो बारिश ही नहीं हो र ही है, जिसकी वजह से खरीफ की फसल की बुआई शुरू नहीं हुई है. 


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किसानों के सामने बड़ी मुसीबत
बुंदेलखंड के किसानों की मुसीबतें खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. कभी यहां अतिवर्षा किसानों के लिए परेशानी बन जाती है तो कभी सूखा उनका पीछा नहीं छोड़ता. जिसकी वजह से यहां के किसान बर्बाद और तबाह हो रहे हैं. इस साल फिर से समय से बारिश ना होने के चलते खरीफ की फसल पैदा नही हो पायेगी जिससे इस इलाके के किसान एक बार फिर से बर्बादी और तबाही के मुहाने पर खड़े हो गये है. 


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