Noida Flat on Carpet Area: यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने नोएडा के लोगों को बड़ी राहत दी है. दरअसल नोएडा अथॉरिटी ने अब कार्पेट एरिया के हिसाब से फ्लैट की रजिस्ट्री कराने का फैसला किया है. पहले सुपर एरिया के हिसाब से रजिस्ट्री होता था. बिल्डरों की मनमानी रोकने के लिए मुख्यमंत्री योगी से ये माँग की गई थी. बताया जा रहा है कि इस फैसले से करीब 40 हजार लोगों को बिल्डरों की मनमानी से राहत मिलने की संभावना है. ऐसे लोगों को स्टांप शुल्क में करीब 20-25 प्रतिशत तक की बचत होगी.


यूपी रेरा एक्ट 2016 के अनुरूप यह व्यवस्था की गई है. इस संबंध में नोएडा प्राधिकरण की अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी द्वारा नोएडा डीएम सुहास एलवाई को पत्र लिखकर अनुरोध किया गया है कि भविष्य में अपार्टमेंट की लीज डीड कार्पेट एरिया के आधार पर कराने के संबंध में प्रशासन स्तर से आवश्यक कार्रवाई की जाए.


अब तक सुपर एरिया के आधार पर फ्लैट बेचते थे बिल्डर


आपको बता दें कि नोएडा में बिल्डर फ्लैट बनने के बाद लोगों को सुपर एरिया के आधार पर बेचते थे. सुपर एरिया में बिल्डर फ्लैट के अंदर के कार्पेट एरिया के अलावा लिफ्ट, सीढ़ी, बाल्कनी, पार्किंग समेत कई अन्य चीजों को भी शामिल करते थे. बिल्डर के बाद अथॉरिटी भी इसी सुपर एरिया को मानक मानकर उस पर लीज डीड करवाती थी. उसके बाद जिला प्रशासन सुपर एरिया के आधार पर उन फ्लैटों की रजिस्ट्री करता था. ऐसे में लोगों को ज्यादा कीमत चुकानी पड़ती थी.


बिल्डरों की इस मनमानी के खिलाफ सैकड़ों फ्लैट बायर्स कई सालों से इसका विरोध कर रहे थे. उनकी मांग थी कि फ्लैटों की बिक्री सुपर एरिया के बजाय कार्पेट एरिया के आधार पर हो और उनकी लीज डीड रजिस्ट्री पर भी यही नियम लागू किया जाए. अब जाकर यूपी रेरा ने बायर्स की मांग को माना और नोएडा अथॉरिटी को उसे लागू करने का निर्देश दिया है.


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