UP School News: उत्तर प्रदेश में 27 हजार से ज्यादा स्कूलों को बंद करने और उनके समायोजन की खबरों को बेसिक शिक्षा विभाग ने झूठा और निराधार बताया है. विभाग ने कहा है कि ऐसी कोई प्रक्रिया नहीं चल रही है. बेसिक शिक्षा विभाग ने बयान जारी कर कहा - यह पूर्णतया निराधार और भ्रामक है ऐसी कोई प्रक्रिया गतिमान नहीं है.
एक बयान जारी कर विभाग की ओर से कहा गया- कतिपय समाचार माध्यमों में प्रकाशित खबर जिसमे 27,000 प्राथमिक विद्यालयों को निकटवर्ती विद्यालयों में विलय करते हुए बंद करने की बात की गई है बिल्कुल भ्रामक एवं निराधार है. किसी भी विद्यालय को बंद किए जाने की कोई प्रक्रिया गतिमान नहीं है.
बयान में कहा गया है कि प्रदेश का प्राथमिक शिक्षा विभाग विद्यालयों में मानव संसाधन और आधारभूत सुविधाओं के विकास, शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर करने तथा छात्रों, विशेषकर बालिकाओ के, ड्राप आउट दर को कम करने के लिए सतत प्रयत्नशील है. इस दृष्टि से समय-समय पर विभिन्न अध्ययन किए जाते हैं. विगत वर्षों में प्रदेश के विद्यालयों में कायाकल्प, निपुण, प्रेरणा आदि योजनाओं के माध्यम से शिक्षा क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति एवं सुधार हुए हैं. विभाग के लिए प्रदेश के छात्रों का हित सर्वोपरि है.
मायावती और प्रियंका गांधी ने जारी किया बयान
जब यह खबर आई तब सबसे पहले बहुजन समाज पार्टी की मुखिया और यूपी की पूर्व सीएम मयाावती ने इस प्रतिक्रिया दी. उन्होंने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा- यूपी सरकार द्वारा 50 से कम छात्रों वाले बदहाल 27,764 परिषदीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में जरूरी सुधार करके उन्हें बेहतर बनाने के उपाय करने के बजाय उनको बंद करके उनका दूसरे स्कूलों में विलय करने का फैसला उचित नहीं. ऐसे में गरीब बच्चे आखिर कहाँ और कैसे पढ़ेंगे?
बसपा चीफ ने लिखा था- यूपी व देश के अधिकतर राज्यों में खासकर प्राइमरी व सेकण्डरी शिक्षा का बहुत ही बुरा हाल है जिस कारण गरीब परिवार के करोड़ों बच्चे अच्छी शिक्षा तो दूर सही शिक्षा से भी लगातार वंचित हैं. ओडिसा सरकार द्वारा कम छात्रों वाले स्कूलों को बंद करने का भी फैसला अनुचित है.
उन्होंने लिखा था कि सरकारों की इसी प्रकार की गरीब व जनविरोधी नीतियों का परिणाम है कि लोग प्राइवेट स्कूलों में अपने बच्चों को पढ़ाने को मजबूर हो रहे हैं, जैसाकि सर्वे से स्पष्ट है, किन्तु सरकार द्वारा शिक्षा पर समुचित धन व ध्यान देकर इनमें जरूरी सुधार करने के बजाय इनको बंद करना ठीक नहीं है.
कांग्रेस नेता और वायनाड लोकसभा सीट उपचुनाव पर प्रत्याशी प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी थी. प्रियंका ने लिखा था-उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार ने 27,764 प्राइमरी और जूनियर स्कूलों को बंद करने का फैसला लिया है. यह कदम शिक्षा क्षेत्र के साथ-साथ दलित, पिछड़े, गरीब और वंचित तबकों के बच्चों के खिलाफ है. यूपीए सरकार शिक्षा का अधिकार कानून लाई थी जिसके तहत व्यवस्था की गई थी कि हर एक किलोमीटर की परिधि में एक प्राइमरी विद्यालय हो ताकि हर तबके के बच्चों के लिए स्कूल सुलभ हो. कल्याणकारी नीतियों और योजनाओं का मकसद मुनाफा कमाना नहीं बल्कि जनता का कल्याण करना है. भाजपा नहीं चाहती कि कमजोर तबके के बच्चों के लिए शिक्षा सुलभ हो.