Pension Scam in Basti: बस्ती में अधिकारियों की लापरवाही, हजारों मृत लोगों को मिल रही थी वृद्धा पेंशन, रुटीन जांच हुई तो आया होश
UP News: बस्ती में सरकारी अधिकारियों की लापरवाही की वजह से सरकार की वृद्धा पेंशन स्कीम का लाभ मृत लोगों दिया जा रहा था, रुटीन जांच होने के बाद अधिकारियों ने अब नोटिस भेजना शुरू किया है.
Basti News: बस्ती में सरकारी अधिकारियों की बड़ी लापरवाही उजागर हुई है, ग्राउंड पर निरंतर क्रॉस चेकिंग न करने की वजह से मृत हो चुके जनपद के हजारों लोग सरकार की वृद्धा पेंशन का सालो से लाभ ले रहे थे. समाज कल्याण विभाग के अधिकारी ने इसकी जांच कराई तो अधिकारियों को होश आया है. फिलहाल आनन-फानन में मृतकों के नाम हटा दिए गए है, उनके परिवार को नोटिस जारी की गई है.
बस्ती जनपद में रूटीन जांच के बाद एक चौकाने वाला खुलासा हुआ है, जहाँ धरातल पर अधिकारियो के सत्यापन के दौरान जिले के 2304 कल्याण पेंशनर मृत मिले. जिसमे से 2199 वृद्धावस्था पेंशन का लाभ ले रहे थे और 105 दिव्यांग पेंशनर थे. हैरानी की बात यह है कि ये सभी लोग मरने के बाद भी लगातार पेंशन ले रहे थे. वार्षिक जांच में खुलासा हुआ कि हजारों लोग मरने के बाद भी सरकार की योजना का लाभ उठा रहे थे. अब इन सभी लोगों के बैंकों ने इनकी पेंशन को रोक ली है और खाते में पड़ी पेंशन की शेष धनराशि बैंक लौटा रहे हैं. अभी तक बैंकों ने 1.65 लाख रुपये की पेंशन मृतकों के खाते से वापस लौटा लिया है.
दो हजार अधिक मृत लोगों के खाते में जा रही थी पेंशन
जिला समाज कल्याण अधिकारी प्रकाश पांडेय ने बताया कि शासन से मिले निर्देश के बाद वित्तीय वर्ष का समापन मार्च माह में होता है. विभाग की ओर से अप्रैल माह से कल्याण पेंशनरों का सत्यापन किया जाता है. इस वर्ष भी अप्रैल 2024 से सत्यापन की प्रक्रिया शुरू हुई. जिले में कुल 109073 वृद्धावस्था के पेंशनर थे. इसके अलावा 13740 दिव्यांग पेंशनर्स हैं. जून माह तक पूरी हुई सत्यापन प्रक्रिया के दौरान मिला कि 2199 वृद्धावस्था पेंशनर्स मृत पाए गए. दिव्यांग पेंशनर्स के सत्यापन में 105 लाभार्थी मृत मिले.
उन्होंने कहा कि मृतकों की सूचना उनसे संबंधित बैंकों को भेज दी गई है. मृतक की पेंशन होल्ड करा दी गई है. उनकी पेंशन नामिनी को नहीं मिलती है. नियमानुसार यह पेंशन विभाग को वापस हो जाती है. बैंक की तरफ से बैंकर चेक बनाकर विभाग को धनराशि वापस मिलती है. इस धनराशि को ट्रेजरी के माध्यम से विभाग को वापस लौटा दी जाती है. अभी तक वर्तमान वित्तीय वर्ष में मृतकों की 1.65 लाख रुपये पेंशन वापस आ गई है, जिसको ट्रेजरी चालान के माध्यम से सरकार को वापस कर दी गई है.अब मृतकों के सापेक्ष नए सिरे से चिह्नित वृद्धों की पेंशन स्वीकृत ग्राम पंचायतों के माध्यम से की जा रही है.
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