Pilibhit News: महंगाई की मार अब शिक्षा पर भी असर डालती दिख रही है, पीलीभीत में अभिभावकों का आरोप है कि निजी स्कूल शिक्षा मनमानी को लेकर सरकार के नियमों के खिलाफ NCERT की किताबें न पढ़ाकर निजी प्रकाशन की किताबों का सहारा लिया जा रहा है.  साथ ही फीस की मनमानी बढोत्तरी सीधे अभिभावकों की जेब पर असर डाल रही है. इस मामले को लेकर जिला विद्यालय निरीक्षक ने जांच कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.


निजी स्कूल वसूल रहे हैं मनमानी फीस
सरकार के कड़े निर्देशो के बावजूद भी निजी स्कूलों की मनमानी फीस वसूली से लेकर निजी प्रकाशन की पुस्तकें पाठ्यक्रम में संचालित करना अभिभावकों की जेब पर खासा असर डाल रहा है. यूं तो सरकार के कड़े निर्देश हैं कि स्कूलों के पाठ्यक्रम में NCERT की किताबों से पढ़ाई हो लेकिन निजी स्कूल निर्धारित दुकानों से निजी प्रकाशन के ही कोर्स स्कूल में संचालित कर रहे हैं, जिसको लेकर जिला विद्यालय निरीक्षक ने शिंकजा कसते हुए मनमानी कर रहे स्कूलों पर कार्रवाई की बात कही है.


क्या कहते हैं अभिभावक
शहर में प्राइवेट नौकरी करने वाले अजय राठौर का कहना है कि उनकी दो बेटियां हैं. एक बेटी निजी स्कूल में पढ़ती है. इस स्कूल में फीस मनमानी तरीके से बढ़ा  दिया है. वहीं यहां निजी प्रकाशन की कोर्स की किताबों की कीमत भी लगभग 8500 रुपये है. वहीं ठीक उसी तरह की केंद्रीय विद्यालय में पढ़ने वाली कक्षा 7 की मंशा का कोर्स लगभग एक हजार रूपए में मिल गया. स्कूलों की मनमानी फीस और कोर्स के रैवये को लेकर उच्च स्तर के अधिकारियो से लेकर शासन स्तर तक शिकायत की गई लेकिन अभिभावकों की जेब पर शिक्षा की बढ़ती कमर तोड़ महंगाई पर कोई कार्रवाई होती नजर नही आती.


वहीं एक अन्य अभिभावक सुमित जैसवार का आरोप है कि सरकार के नियमों के विरूद्ध मनमानी फीस वसूली से लेकर निजी प्रकाशन की किताबों के नाम पर मोटे कमीशन के लालच में शिक्षा के नाम पर लूट मचा रहे हैं. जिसको लेकर सरकार को ध्यान देना चाहिए ताकि नियमों के अनुसार गरीब मध्यम वर्गीय स्कूलों के बच्चों को बेहतर शिक्षा मिल सके. सरकारी स्कूलों में इतनी बेहतर सुविधा कर देनी चाहिए जिससे कि इन स्कूलों में बच्चे पढ़ने ही न जाएं.


क्या कहते हैं निरीक्षक
जिला विद्यालय निरीक्षक ओम प्रकाश वर्मा का कहना है कि नए सत्र शिक्षण की शुरुआत हो चुकी है जिसको लेकर बोर्ड परीक्षा के साथ-साथ नवीन प्रवेश प्रक्रिया भी जारी है. शासन में सरकार का कोई ऐसा निर्देश और नियम नहीं है कि निजी स्कूल में मनमानी पुस्तके संचालित की जाए या फिर किसी निर्धारित दुकान से क्रय की जाए.  अगर इस तरह का कोई  निजी स्कूलों की मनमानी फीस वसूली से जुड़ा कोई मामला संज्ञान में आता है तो निश्चित ही कार्रवाई की जाएगी. 


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