UP News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के प्रतापगढ़ (Pratapgarh) में डॉ. सोने लाल पटेल मेडिकल कालेज (Dr. Sone lal Patel Medical College) के प्रताप बहादुर अस्पताल (Pratap Bahadur Hospital) में उमसभरी गर्मी से निजात पाने के लिए मरीज (Patient) अपने खर्चे कूलर-पंखे और एसी (AC) का इस्तेमाल कर रहे हैं. मेडिकल कालेज (Medical College) के पुरूष विंग के मेडिकल वार्ड और बर्न वार्ड (Burn Ward) में मरीज अपनी स्थिति के अनुसार चिपचिपाती गर्मी से निजात पाने के लिए खुद व्यवस्था कर रहे हैं. कोई हांथ के पंखे से काम चला रहा है तो कोई टेबल फैन और फर्राटा की सुविधा रखे हैं, इतना ही नहीं, जो एसी का खर्च उठा सकते हैं, उन्होंने अपने बेड के पास की खिड़की पर एसी लगवा ली है. 


एबीपी न्यूज ने मेडिकल कालेज का जायजा लिया तो ऐसी तस्वीरें कैमरे में कैद हो गईं. अस्पताल में वैसे सभी वार्डों में मरीजों का गर्मी से बुरा हाल है लेकिन सबसे ज्यादा दिक्कत बर्न वार्ड में है, जहां झुलसे हुए लोग भर्ती होते हैं. इस वार्ड में कुल पांच बेड है और इसके बगल वाले कमरे में एक बेड है. बर्न वार्ड में पांच मरीज भर्ती हैं. कुछ मरीज तो सरकारी पंखे से काम चला रहे हैं तो वही एक मरीज टेबल फैन से गर्मी से राहत पाने की कोशिश कर रहा है. वहीं, वार्ड के दूसरे कमरे में भर्ती मरीज पैर जले घुटने का इलाज करा रहै, इस मरीज ने बेड के सिरहाने पर अपने खर्चे से एसी लगवाया है.


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मेडिकल कालेज के प्राचार्य अव्यवस्थाओं को लेकर यह कहा


अस्पताल में सुविधाओं को लेकर मेडिकल कालेज के प्राचार्य आर्य देशदीपक ने बर्न वार्ड की अव्यवस्थाओं का ठीकरा सीएमओ पर फोड़ा है. उन्होंने कहा कि बर्न वार्ड को ठंढा रखने के लिए एसी होना चाहिए और साथ ही नेट भी होना चाहिए, जिसका पूरी तरह से अभाव है, इतना ही नहीं यहा प्लास्टिक सर्जन भी तैनात नहीं है, हालांकि, प्लास्टिक सर्जन की मांग को लेकर शासन को पत्र भेजा गया है क्योंकि ट्रामा सेंटर भी भविष्य में इस अस्पताल को मिलने की संभावना है और उसमें प्लास्टिक सर्जन कि जरूरत पड़ेगी. उन्होंने कहा कि नई बिल्डिंग में सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी, बर्न वार्ड की बिल्डिंग में कोविड कमांड सेंटर चलाया जा रहा है.


बता दें कि बर्न वार्ड की इमारत बहु उद्देशीय भवन के रूप में इस्तेमाल की जा रही है. कभी इसमें हौसला पोषण मिशन चलाया जाता था और वर्तमान में कोविड कमांड सेंटर के रूप में यह इस्तेमाल की जा रही है. मेडिकल कालेज बनने के बाद भी मरीजों के लिए सुविधाओं का यहां टोटा है आज भी यह महज रेफरल प्वाइंट बना हुआ है.


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