लखनऊ: उत्तर प्रदेश 2022 विधानसभा चुनाव करीब आ रहे हैं. सभी राजनीतिक पार्टियों की चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं. जहां बीजेपी, समाजवादी, बीएसपी, कांग्रेस चुनाव में ताल ठोक रही है वहीं पीस पार्टी भी अपनी कमर कस चुकी है.


राजधानी लखनऊ में पीस पार्टी की ओर से आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में उलेमा काउंसिल ने पीस पार्टी को विधानसभा चुनाव में समर्थन दिया. वहीं धर्म गुरुओं के समर्थन के बाद उत्तर प्रदेश की सियासत में बदलाव लाने को तैयार पीस पार्टी, पार्टी ने प्रेसवार्ता कर सभी 403 विधानसभाओं प्रत्याशी खड़ा करनी की तैयारी में जुट गए हैं और उलेमाओं के समर्थन के बाद पीस पार्टी ने विधानसभा चुनाव के लिए हुंकार भरी.


उत्तर प्रदेश में दलों के गठबंधन की असल परीक्षा होनी है


अगले साल की पहली तिमाही में होने वाले पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में से जिस यूपी विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर सबसे ज्यादा मंथन होना चाहिए, एकजुट विपक्ष बनाने की उस कवायद से उत्तर प्रदेश पूरी तरह से अछूता नज़र नहीं आ रहा है. बीजेपी को 2022 में बड़ा झटका देने के लिए उत्तर प्रदेश में दलों के गठबंधन की असल परीक्षा होनी है. सत्ता के गलियारों में इन दिनों सियासी चर्चा का विषय बने एकजुट विपक्ष को लेकर हवाओं का रुख बदल सा गया है.


योगी आदित्यनाथ और बीजेपी के खिलाफ मिशन 2022 के मद्देनजर तमाम राजनीतिक दलों को गठबंधन के शामिल करने की कवायद चल रही है. कांग्रेस, एसपी, बीएसपी, आरजेडी, आप समेत कुछ छोटे दल भी यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में ताल ठोंकने की तैयारी में लगे हुए हैं. इस स्थिति में सवाल उठना लाजिमी है कि यूपी चुनाव 2022 में क्या ये छोटे राजनीतिक दल कोई करिश्माई जादू दिखा सकते हैं या यूं कहे कि वो 2022 राजनीतिक मोर्चा बनाने वाले दल किंगमेकर की भूमिका में शामिल होंगे चुनाव नजदीक हैं.


योगी आदित्यनाथ की मानसिकता आतंकवाद वाली है


प्रदेश में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में एक और गठबंधन मोर्चे पर आएगा. अब पीस पार्टी और राष्ट्रीय ओलमा काउंसिल के बीच चुनावी समर्थन हो रहा है. वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में पीस पार्टी के चार विधायक चुनकर आए थे. वहीं 2017 के चुनाव में काउ काउंसिल के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना आमिर रशादी ने बातचीत में कहा कि उनकी पार्टी पीस पार्टी के साथ मिलकर बीजेपी को हराने के लिए नहीं बल्कि अल्पसंख्यकों, वंचितों व शोषितों को विधानसभा में पहुंचा कर उनको नुमाइंदगी दिलवाने के लिए इस बार विधानसभा चुनाव में उतरेगी.


ऐसे में अब राजनीतिक दलों ने बयान बाजी भी शुरू कर दी है कि पीस पार्टी ने योगी आदित्यनाथ को आतंकवाद की संज्ञा दे दी और कहा उनकी मानसिकता आतंकवाद वाली है. वहीं मुस्लिम समेत तमाम तबकों को उनका हक दिलाना साथ में जो मुस्लिम समाज में वोट की सियासत कर रहे लोगों को जवाब देंगे.


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