Martyr Gautam Lal: नागालैंड में शहीद हुये गौतम लाल को सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई. शहीद की अंतिम यात्रा में सैकड़ो की संख्या में जल सैलाब उमड़ा वहीं बेटे को अंतिम विदाई देते हुये पिता ने अपने दूसरे बेटे को भी सेना में भेजने की बात कही. सेन के जवान गौतम अपने परिवार में सबसे छोटा था. सबकी आंखों का तारा जब तिरंगे में लिपटकर घर पहुॅचा तो सबकी आंखे नम थी. क्या बड़ा क्या छोटा हर कोई शहीद की शहादत पर गर्व करते हुये शहीद गौतम लाल अमर रहे के नारे लगा रहे थे. सेना की पैरा स्पेशल फोर्स की 21वीं बटालियन में पैराटू्रपर गौतम लाल शनिवार को नागालैंड के मौन जिले में शहीद हो गये थे. मंगलवार को नागालेंड में शहिद हुये गौतम लाल का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव पहुंचा. यहॉ परिजनों व गांव वालों ने शहीद गौतम लाल के अंतिम दर्शन किये.
दूसरे बेटे को भी सेना में भेजेंगे
शहीद गौतम लाल के पिता ने भीगी आंखों से अपने बेटे को अंतिम विदाई दी. गौतम पांच भाई-बहनों में सबसे छोटे थे. उनकी तीन बहनें हैं. बेटे की शहादत पर गर्व करते हुये गौतम लाल के पिता ने कहा कि वें भारत सरकार से मांग करते हैं कि उनके दूसरे बेटे को भी सेना में शामिल किया जाए. कहा कि वें चाहते हैं कि उनका दूसरा बेटा भी देश रक्षा के लिये सेना में जाये.
शहीद गौतम के नाम पर होगा अस्पताल का नाम
गांव में परिजनों के अंतिम दर्शन करने के बाद शहीद के शव को सैन्य सम्मान के साथ लछमोली पैतृक घाट ले जाया गया. यहॉ गौतम लाल के बड़े भाई ने उन्हें मुखाग्नी दी. स्थानीय विद्यायक विनोद कंडारी ने कहा कि अस्पताल का नाम शहीद गौतम लाल के नाम पर रखा जायेगा. इसके लिये वें मुख्यमंत्री से भी वार्ता करेंगे. इस दौरान, कर्नल अजय कोठियाल, मंत्री प्रसाद नैथानी, पूर्व काबिना मंत्री दिवाकर भट्ट समेत सैकड़ो ग्रामीण मौजूद रहे.
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