UP News: अग्निपथ योजना को लेकर प्रदेश भर में हो रही हिंसा, तोड़फोड़ और आगजनी में पीएफआई की एंट्री हो गई है. कहा जा रहा है कि योजना से आक्रोशित युवाओं को भड़काने में पीएफआई की स्टूडेंट विंग सीएफआई यानि कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया का हाथ है. इससे जुड़े तमाम साक्ष्य भी पुलिस को मिले हैं. सोशल मीडिया पर एक पोस्टर भी वायरल हो रहा है जिसमें सीएफआई की तरफ से 17 जून को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया गया है.


व्हाट्सएप ग्रुप में भेजा गया था मैसेज
पुलिस सूत्रों का कहना है कि यह पोस्टर हिंसा के दौरान सोशल मीडिया की निगरानी करते वक्त चिन्हित हुआ था. यूपी पुलिस की सोशल मीडिया सेल को तमाम व्हाट्सएप ग्रुप पर यह पोस्टर और भड़काने वाले मैसेज मिले हैं. पुलिस ने ऐसे तमाम व्हाट्सएप ग्रुप चिन्हित किए हैं. ग्रुप के एडमिन और सदस्यों के नाम पते खंगाले जा रहे हैं. कानपुर में जुमे की नमाज के बाद हुई हिंसा और उपद्रव में भी पीएफआई का नाम आया था. पुलिस अधिकारी नमाज के बाद हुई हिंसा की साजिश में पीएफआई के सदस्यों के शामिल होने की जांच कर रहे हैं.


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'युवाओं को हिंसा के लिए उकसाया जा रहा'
इस मामले में कानपुर से पीएफआई के सदस्यों की गिरफ्तारियां भी की गई है. अब अग्निपथ योजना के बहाने युवाओं को भड़काने के षड्यंत्र में पीएफआई की स्टूडेंट विंग सीएफआई का नाम आने से यह साफ हो गया है कि यूपी की शांति और कानून व्यवस्था को ध्वस्त करने का कुचक्र रचा जा रहा है. हालांकि, अग्निपथ योजना को लेकर चल रही हिंसा में सीएफआई का हाथ होने की बात अधिकारी खुलकर नहीं बोल रहे हैं. अधिकारियों का इतना जरूर कहना है कि युवाओं को हिंसा और आगजनी के लिए उकसाया जा रहा है.


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