Pilibhit News: आलू की सब्जी का जिक्र करते हुए वरुण गांधी ने अपनी ही सरकार पर उठाए सवाल, काम न करने पर अफसरों को फटकारा
Pilibhit News: पीलीभीत से बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने एक बार फिर महंगाई, भ्रष्टाचार और बेरोजगारी को लेकर सवाल उठाए हैं. वहीं आम लोगों के काम न करने पर अफसरों को भी फटकार लगाई.
Pilibhit News: पीलीभीत से बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने जनसंवाद कार्यक्रम के दौरान आम लोगों के काम न करने वाले अफसरों को जमकर फटकार लगाई. इसके साथ ही उन्होंने शिक्षा व्यवस्था, महंगाई और भ्रष्टचार को लेकर भी सिस्टम पर सवाल खड़े किए. वरुण गांधी ने लोगों से कहा कि देश में बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार की बात करने वाले नेता का आप सब साथ दीजिए, ताकि आप सबका हक मिल सके. इस दौरान सांसद के ओएसडी ने अफसरों को चेतावनी दी कि अगर जनता के काम नहीं होंगे तो आप सब पर एफआईआर दर्ज कराई जाएगी. पूरे यूपी में कहीं भी ट्रांसफर ले लेंगे तो भी आपको सुकून से रहने नहीं देंगे.
पीलीभीत में आयोजित जनसंवाद कार्यक्रम में वरुण गांधी ने शिक्षा सिस्टम पर सवाल उठाते हुए कहा कि "मैं एक सरकारी स्कूल गया तो मैंने बच्चों से पूछा कि आपको स्कूल क्यों पसंद है, तो बच्चों ने कहा कि उन्हें आलू की सब्जी बहुत अच्छी लगती है, उसे टमाटर के साथ बनाते हैं. ये सुनकर मेरा दिल बैठ गया. मुझे लगा था बच्चे कहेंगे हमको टीचर अच्छे लगते हैं किताबें अच्छी लगती हैं पर बच्चों ने सब्जी कही तो लगा कि गरीब एक वक्त की रोटी के लिए बच्चों को स्कूल भेज रहे हैं. ये शिक्षा का स्तर है.''
बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने उठाए सवाल
बीजेपी सांसद ने कहा कि आज हम लोग संविदा कर्मचारियों, आंगनबाड़ी, आशा, व शिक्षा मित्रों को देखें, ये इतनी मेहनत करते हैं लेकिन इनकी सैलरी 7-8 साल से नहीं बढ़ी. कोई भर्ती नहीं हुई. इन लोगों को सड़े केले की तरह निकाल दिया जाता है. कोविड के समय आशा बहुएं, आंगनबाड़ी अगर सेवा नहीं करते तो देश में करोडों लोग मर जाते. हर घर में लोगों को बेरोजगारी का सामना करना पड़ रहा है. बच्चों का भविष्य क्या होगा. ग्रामीण इलाकों में लोगों को अच्छी ट्रेनिंग व शिक्षा नहीं मिल पाती, कि वो बड़े बड़े स्तर पर जाकर स्पर्धा कर सके. केवल गुजारा हो पाता है सपने पूरे नहीं होते.
वरुण गांधी ने महंगाई का जिक्र करते हुए कहा कि महंगाई बढ़ रही है लेकिन कमाई वहीं है. महिला शिक्षा की बात करें तो कितनी बच्चियां दसवीं या बारहवीं तक पढ़ रही हैं. पूरे देश में यूपी का स्थान आखिरी नंबर पर है. क्या हम अपने सपने भूल गए हैं. यहां सब मेरी बहने हैं. मैं भी एक बेटी का पिता हूं. बेटियां देवी स्वरूप होती है. क्या हमारी बेटियां बड़े होकर इंदिरा गांधी, पीटी उषा, कल्पना चावला की तरह देश का नाम रोशन नहीं कर सकती. क्या उनके सपने ये चौक- चौराहों पर लगी लाइटों की तरह है. जो 6 माह के बाद बुझ जाती है.
लोगों को भी दी ये नसीहत
वरुण गांधी ने कहा कि दोषी केवल नेता नही हैं, दोषी आप भी हैं, क्योंकि जब चुनाव आता है, तो आप लोग जाति, मजहब, धर्म व क्षेत्रवाद पर वोट देते हैं, लेकिन आप ये नहीं देखते कि पढ़ा लिखा ईमानदार कौन है. कौन हमारी आवाज उठाएगा. एक साल पहले दिल्ली के बॉर्डर पर किसान आंदोलन में 400 किसानों ने जान दे दी. वरुण गांधी के अलावा किसी सांसद विधायक ने आवाज नहीं उठाई. हम लोगों ने राजनिति से कोई फायदा नहीं लिया. मैं सरकारी घर में नहीं रहता. मै अकेला सांसद हूं जिसने 14 सालों से सांसद बनने के बाद आज तक एक बार भी सरकारी तनख्वाह नहीं ली.
बीजेपी सांसद ने कहा कि मेरा काम है आपके भविष्य की सुरक्षा के लिए लड़ाई लड़ना, आपके बच्चों के मान सम्मान को स्थापित करना मेरा काम है वो आवाज उठाना जो आपका दिल उठाने में कांपता है. इतने साल से बहेड़ी विधानसभा में हिंदू-मुस्लिम चलता आ रहा है. दोनों के बीच एक खाई से बनी हुई है. क्या सबके मुद्दे एक जैसे नहीं है. नौजवानों, महिलाओं के मुद्दे एक जैसे नही है क्या. गर्मी आएगी तो क्या केवल हिंदू को छुएगी. अगर कल कोई मुसलमान मरीज अस्पताल में पड़ा होगा, उसे केवल वरुण गांधी के खून की जरूरत है मैं सबसे पहले उसे खून दूंगा.
वरुण गांधी ने कहा कि आज की राजनीति ड्रामे की राजनीति हो गई है. टोपी पहनो, मजार पर जाओ. अगर आप नहीं करते तो आपको चुनाव में नहीं करना चाहिए. लोगों को भरोसा होना चाहिए कि ये आदमी हमारी मुश्किल में हमारे काम आएगा. अगर सही सिस्टम से काम होना शुरू हो जाए तो बेहतर रहेगा.
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