Pilibhit News: पीएम किसान सम्मान निधि योजना में गड़बड़ी, 1633 अपात्रों के खाते में पहुंचे पैसे, अब होगी रिकवरी
Pilibhit News: पीलीभीत में पीएम किसान सम्मान निधि योजना में सेंध मारी का खुलासा हुआ है, जांच में 1633 ऐसे अपात्र किसानों को चिहिन्त किया गया है, जो अपात्र होने के बावजूद इसका लाभ उठा रहे थे.
PM Kisan Samman Nidhi Yojna: यूपी के पीलीभीत (Pilibhit) में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan Samman Nidhi Yojna) में सेंध मारी का खुलासा हुआ है, इस मामले की जांच के दौरान जनपद में लगभग 1633 ऐसे अपात्र किसानों को चिहिन्त किया गया है, जो आयकरदाता होने के साथ साथ गलत तरीके से पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ ले रहे थे. इस खुलासे के बाद अब विभाग ने रिकवरी का नोटिस जारी कर सरकारी पैसे को वापस करने के निर्देश दिए है.
पीएम किसान सम्मान योजना में गड़बड़ी
पीलीभीत जिले में लगभग 3 लाख 8 हजार 740 लाभार्थी प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ ले रहे हैं. इसकी जांच के दौरान 1633 ऐसे अपात्र किसानों द्वारा गड़बड़ी का खुलासा हुआ है, जो इनकम टैक्स देने के बावजूद भी इस योजना का लाभ उठा रहे थे. इनमें कुछ ऐसे थे जो भूमिहीन होने पर भी किसान सम्मान निधि का पैसा ले रहे थे. ये पूरा मामला जैसे ही सामने आया विभाग में हड़कंप मच गया. जिसके बाद इन तमाम लोगों को सरकारी धन की रिकवरी का निर्देश दिया गया है. हालांकि 57 अपात्र किसानों द्वारा 5 लाख 14 हजार रुपये की रिकवरी जमा भी करवाई गई है.
अपात्र लोगों के खाते में पहुंचे पैसे
ऐसे में सवाल ये उठता है, कि जीरो टॉलरेंस का दावा करने वाली सरकार के सरकारी सिस्टम में इस तरह से पीएम की योजना भ्रष्टाचार के भेंट कैसे चढ़ रही थी. जिले में अभी भी हजारों ऐसे किसान है जिनको पात्र होने के वावजूद पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ नहीं मिल पा रहा है, जबकि यहां भूमिहीन व आयकर देय दाता इसकी दस किश्तों का फायदा ले चुके हैं.
पैसे की रिकवरी के निर्देश जारी
इस बारे में ज्यादा जानकारी देते हुए कृषि अधिकारी देवेंद्र कुमार सिंह ने बताया इस मामले में अब तक 57 किसानों से 5 लाख 14 हजार रुपये की रिकवरी की जा चुकी है जल्द ही सभी रिकवरी कर ली जाएगी. जिन किसानों ने 31 मई तक ई-केवाईसी नहीं कराया है उनको अब पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ नहीं मिल सकेगा. फिलहाल सत्यापन की प्रक्रिया जारी है जिस तरह की कमियां सामने निकलकर आएगी, तत्काल उन अपात्र किसानों का नाम सूची से हटाने की कार्रवाई की जा रही है. वही ऐसे किसानों का भी डेटा तैयार किया जा रहा है जो पात्र होने के बावजूद योजना का लाभ नहीं ले पा रहे हैं.
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