UP News: उत्तर प्रदेश के पीलीभीत (Pilibhit) में चोरी के आरोप में पकड़े गए आरोपी की इलाज के दौरान लखनऊ केजीएमयू (Lucknow KGMU) में मौत का मामला गरमा गया है. कैदी की मौत से पहले उसके परिजनों ने पुलिस (Police) पर पिटाई का आरोप लगाया था. पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार ने मारपीट के आरोप से पूरी तरह इनकार किया है. उन्होंने इस मामले को राजनीति से जुड़ा बताकर जांच के बाद कार्रवाई की बात कही है.
परिजनों ने पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप
दरअसल, 31 अक्टूबर को जेल में 10 दिनों से चोरी के आरोप में बंद कैदी को घायल अवस्था में जिला अस्पताल भर्ती करवाया गया था. जिसके बाद मरीज की हालत में सुधार न होने पर उसे लखनऊ केजीएमयू में भर्ती करवाया गया. उस दौरान कैदी के परिजनों ने पुलिस पर मारपीट का आरोप लगाते हुए जिला अस्तपाल में हंगामा भी किया था. परिजनों का कहना है कि मृतक कयूम फेरी कबाड़े का काम करके गुजर-बसर करता था. पुलिस उसे बहला-फुसलाकर ले गई थी. उसे ससुराल बरखेड़ा से गिरफ्तार किया और अमरिया थाना पुलिस ने उसे जेल भेज दिया.
परिजनों को इसकी जानकारी तब मिली जब वो उससे मिलने के लिए जिला कारागार में पहुंचे. जहां उन्हें बताया गया कि कयूम गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती है. इसके बाद परिजन अस्पताल पहुंचे और उन्होंने जमकर हंगामा किया और आरोप लगाया कि पुलिस ने उसके साथ मारपीट की है.
मारपीट के आरोप से पुलिस का इनकार
इस पूरी घटना को लेकर जानकारी देते हुए एसएसपी दिनेश कुमार ने पुलिस पर लगे आरोपों को गलत बताया. पुलिस अधीक्षक ने कहा ये मामला राजनीति से जुड़ा है. मृतक का लखनऊ में जिला कारागार प्रशासन द्वारा पोस्टमार्टम कराया जा रहा है. जो भी तथ्य जांच के आधार पर सामने आएंगे उसी के हिसाब से कार्रवाई की जाएगी.
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