Pilibhit News: उत्तर प्रदेश के पीलीभीत सड़क घोटाले में दो जूनियर इंजीनियरों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. पूरनपुर तहसील में बनी 7.2 किमी लंबी सड़क की देखरेख में ग्रामीण अभियांत्रिकी विभाग (आरईडी) के आलोक कुमार व मुनीर खान को लापरवाही का दोषी पाया गया है.


लखनऊ में रेड के निदेशक एवं मुख्य अभियंता बृजेंद्र कुमार ने संवाददाताओं को बताया कि उनकी ओर से राज्य सरकार को सहायक अभियंता शैलेंद्र चौधरी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के साथ निलंबन की कार्रवाई की अनुशंसा भी की गई थी. इसके अलावा निर्माण फर्म के खिलाफ पूरनपुर कोतवाली थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है.


वीडियो वायरल होने के बाद कार्रवाई


सोशल मीडिया पर एक कथित वीडियो के वायरल होने के बाद इस मामले को कानूनी कार्रवाई के दायरे में लाया गया था, जिसमें स्थानीय किसान अपने हाथों से सड़क की सबसे ऊपरी परत को साफ करते हुए नजर आ रहे हैं. इस सड़क की अनुमानित लागत 4.2 करोड़ रुपये आंकी गई थी. कुमार ने आगे कहा कि वह आरईडी के अधीक्षण अभियंता ए रहमान खान की अध्यक्षता वाली तकनीकी जांच टीम की रिपोर्ट का इंतजार कर रहे थे, जिसने सड़क की गुणवत्ता का भौतिक सत्यापन किया था.


दो जूनियर इंजीनियर निलंबित, फर्म पर केस


इस बीच पीलीभीत में रेड के कार्यपालक अभियंता फुरकान अली ने कहा कि राज्य की ग्रामीण सड़क विकास एजेंसी की लखनऊ स्थित दो सदस्यीय टीम मंगलवार को प्रश्नगत सड़क के तकनीकी निरीक्षण के लिए पूरनपुर पहुंची. प्रथम दृष्टया ये पाया गया कि ठेकेदार ने कोयला-तार मिश्रित महीन बजरी की अंतिम परत बिछाने से पहले सड़क में बिछाई गई पत्थर की गिट्टी की परत से धूल नहीं उड़ाई थी.


अली ने कहा, हम खामियों को दूर करने के लिए विभागीय प्रमुखों के निर्देशो का इंतजार कर रहे हैं. इस बीच, हमने निर्माण कंपनी के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई सुनिश्चित की है. पूरनपुर कोतवाली के एसएचओ अशोक पाल ने कहा कि आरईडी के सहायक अभियंता शैलेंद्र चौधरी की लिखित शिकायत के बाद पुलिस ने वीके कंस्ट्रक्शन के मालिक पर मामला दर्ज किया है.


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