Jalaun News: यूपी सरकार ने गांव-गांव में स्कूल (School) खोले ताकि गरीब परिवार के बच्चे भी शिक्षित हो सकें, मगर इतनी सब व्यवस्था के बीच भी कई स्कूलों की हालत बदतर हो रखी है. कुछ स्कूल ऐसे हैं जो शिक्षा का मंदिर कम और जानवरों का तबेला ज्यादा नजर आते हैं. हम बात कर रहे हैं जालौन जनपद (Jalaun District) के माधोगढ़ में कुदारी गांव की. जहां बने प्राइमरी स्कूल में स्थित प्राथमिक विद्यालय स्कूल से ज्यादा एक तबेला नजर आ रहा है. जगह-जगह गोबर पड़ा हुआ है.
स्कूल में जगह-जगह फैली है गंदगी
माधोगढ़ के कुदारी गांव में स्थित प्राथमिक विद्यालय की हालत ऐसी है कि वो स्कूल कम, तबेला ज्यादा दिखाई देता है. जगह जगह गंदगी का अंबार लगा है और स्कूल के बच्चे इसी गंदगी से गुजरकर रोजाना क्लासरूम तक जाते हैं. बरसात के मौसम में जहां एक ओर मंकीपाक्स को लेकर WHO ने अलर्ट जारी किया है वही दूसरी ओर विद्यालय की बदरंग तस्वीर ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों की कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया है. उच्च अधिकारी इस पूरे मामले में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं.
गांव में ही रहने वाले गौरव कुमार ने बताया कि ये स्कूल शिक्षामित्रों के सहारे चल रहा है. यहां एक महिला अध्यापक तैनात है लेकिन वो महीने में एक बार आती है. स्कूल के पढ़ने वाले छात्र भी बहुत परेशान हैं. उनका कहना है कि वो मजबूरी में यहां पर पढ़ाई करते हैं. अक्सर उनके कपड़े भी गंदे हो जाते हैं.
बीएसए ने दिया अजब-गजब हाल
वहीं जब एबीपी गंगा की टीम ने जालौन के बीएसए से बात करने के कोशिश की तो उन्होंने भी चौंका देने वाला जवाब दिया. बीएसए महोदय ने कहा कि बरसात की वजह से वहां पर थोड़ी गंदगी फैल जा रही है. एक तरफ स्कूल गंदगी से पटा पड़ा है और दूसरी तरफ बीएसए स्कूल को स्वच्छ रखने वाले प्रधान और टीचरों का सम्मानित करने की बात करने लगे और बताने लगे कि बच्चों को बीमारियों से बचाने के लिए स्कूलों में दवाएं बांटी जा रही हैं.
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