Pratapgarh News: मेले में चाउमीन खाने से 70 ज्यादा लोगों को हुई फूड प्वॉइजनिंग, 24 घंटे बाद टूटी प्रशासन की नींद
Pratapgarh News: प्रतापगढ़ में हुई फूड प्वॉइजनिंग घटना को लेकर प्रशासन की नींद खुल गई. मीडिया में सुर्खियां बनने के बाद डॉक्टरों की टीम प्रभावित इलाके में पहुंची और मरीजों का इलाज किया.
Pratapgarh News: प्रतापगढ़ में हुई फूड प्वॉइजनिंग (Food poisoning) घटना को लेकर आखिरकार प्रशासन को याद आ ही गई. इस खबर की मीडिया में सुर्खियां बनने के बाद मेडिकल सुविधाओं (Medical Team) के साथ स्वास्थ्य महकमे (Health Department) के डॉक्टरों की टीम पीड़ित गांव में पहुंची. उनके साथ फूड ऑफिसर की टीम और पुलिस फोर्स भी पहुंची हुई थी. जिसके बाद डॉक्टरों ने फूड प्वॉइजनिंग के शिकार लोगों का इलाज किया तो वहीं पुलिस ने गांव के लोगों से बात की और दुकानदारों की जानकारी जुटाने की कोशिश की.
मेले में खाना खाने से फूड प्वॉइजनिंग
दरअसल गुरुवार को प्रतापगढ़ में इनायत शाह की मजार पर उर्स के दौरान मेले में आसपास के लोगों की भीड़ उमड़ी थी. इस भीड़ ने मेले में चाट और चाउमीन खाई थी जिसके बाद रात से ही महिलाओं और बच्चों को उल्टी दस्त शुरू हो गए. जिसके बाद आसपास के कई लोगों ने इसी तरह की शिकायत की और वो स्थानीय डॉक्टरों के पास भागने लगे. जिसके बाद इलाके में बने कई नर्सिंग होम में मरीजों की लाइन लग गई. इनमें से कई की हालत तो बेहद गंभीर हो गई, जिन्हें डॉक्टरों ने सीएचसी लालगंज रेफर कर दिया. 4 बच्चों को मेडिकल कालेज भी रेफर कर दिया गया. इस घटना में महिलाओं और बच्चों समेत 70 लोग शिकार हुए हैं. हालांकि ये संख्या और भी ज्यादा बताई जा रही है.
मीडिया में खबर आने के बाद खुली नींद
दो दिनों से भारी संख्या में फूड प्वॉइजनिंग के लोग शिकार होते रहे लेकिन प्रशासन की नींद तब खुली जब ये खबर मीडिया की सुर्खियों में छा गई. जिसके बाद जिम्मेदारी अधिकारी जागे और फिर डॉक्टरों की टीम समेत फूड इंस्पेक्टर और पुलिस फोर्स यहां आई और बीमार लोगों को इलाज किया और उनसे पूछताछ भी की गई. पूरे इलाके में फूड इंस्पेक्टर लाव-लश्कर के साथ दुकानों पर जाकर सैम्पलिंग इकट्ठा करते हुए दिखाई दिए.
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मरीजों को वितरित की गई दवाईयां
वहीं इस मामले में संडवा चंद्रिका सीएचसी के अधीक्षक ने बताया कि सभी पीड़ित लोगों को दवाईयां वितरित की गई हैं. उन्हें चार से पांच दिनों तक डॉक्टरों द्वारा ऑब्जर्वेशन में रखा जाएगा. जो बच्चे गंभीर रूप से संक्रमित हुए थे. उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. उनकी हालत अब स्थिर बनी हुई है. हालात अब नियंत्रण में है. पूरी टीम को मॉनिटरिंग के लिए लगा रखा है, अगर कहीं पर भी कोई गंभीर स्थिति होती है तो हमारी हालात से निपटने में सक्षम है.
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