Bear In Pratapgarh: उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ के सतेवर गांव में भालू का कुनबा पहुंच गया. नर, मादा और बच्चे को देख गांव में हड़कंप मच गया. जिसके बाद ग्रामीणों का हुजूम भालू को भगाने में जुट गया. मोछहा नदी के किनारे झुरमुटों के सहारे मां और बच्चा गायब हुए तो वहीं नर भालू को भीड़ ने घेर लिया और पत्थरबाजी करने लगे. कुछ ग्रामीण पत्थर मारने वालों को रोकने में भी जुटे रहे.


इस बीच ग्रामीणों ने वन विभाग के आलाअफसरों को भी सूचना दी, जिसके बाद वन विभाग की टीम मौके पर पहुंचकर भालू को सुरक्षित बचाने के प्रयास में जुट गई. देर शाम तक जाल और पिंजरा भी मंगा लिया गया और वन विभाग की टीम ग्रामीणों की मदद से हांका लगा कर भालू को लगाए गए जाल में फंसाने में कामयाब हो गई. जिसे पिंजरे में बंद कर गाड़ी पर लाद कर जिला मुख्यालय स्थित वन विभाग कार्यालय लाया गया.




मेडिकल जांच के बाद भालू को सुरक्षित ठिकाने पर छोड़ा जाएगा


हालांकि मादा भालू और बच्चे की काम्बिंग में लगी हुई है तो वहीं पकड़े गए भालू के मेडिकल परीक्षण के लिए आगरा से स्पेसलिस्ट डॉक्टरों की टीम को भी बुला लिया गया जिसके देर रात तक पहुंचने की सम्भावना जताई जा रही है, डाक्टरों की मेडिकल जांच के बाद भालू को सुरक्षित ठिकाने पर ले जाकर छोड़ने की जानकारी डीएफओ की ओर से दी गई है.


ग्रामीणों ने तेंदुए को जिंदा जलाया
बता दें कि अक्सर जंगली जानवर जिले में अलग अलग स्थानों पर रिहायशी इलाकों में घुस चुके हैं, इसमें से अब तक करीब आधा दर्जन तेंदुए चहलकदमी करते हुए पाए गए. जिसमें से कुछ तो सुरक्षित पकड़े गए तो वहीं बाघराय इलाके में ग्रामीणों ने पुलिस और वन विभाग की टीम के सामने ही खदेड़ कर कुए में गिरा दिया और ऊपर से पुआल डालकर जिंदा जला दिया.


वहीं शनिदेव मन्दिर के पास तत्कालीन डीएफओ वीके अहिरवार के सामने ही जाल में फंसे तेंदुए को पीटपीट कर मौत के घाट उतार दिया गया था. दोनों ही मामलों में वन विभाग ने मुकदमा दर्ज कराकर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर दी थी.


रिपोर्ट- मनोज त्रिपाठी


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